यश भारत डिंडोरी |बजाग क्षेत्र के किसानों को समृद्ध बनाने की दिशा में वन विभाग द्वारा एक सार्थक कदम उठाया गया है। जिसमें अब किसानों को खेती के साथ साथ बांस के पौधे लगाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। राज्य बांस मिशन योजना के तहत किसान कृषि कार्य के अलावा अपने खेत में बांस का पौधा लगाकर अच्छा खासा मुनाफा कमा सकते है। वन विभाग द्वारा क्रियान्वित योजना में क्षेत्र के पंजीकृत कृषकों को बांस के पौधे निःशुल्क उपलब्ध कराए जा रहे है। जिसे किसान अपनी निजी भूमि या खेत तथा उसकी मेड में भी लगा सकते है और लगभग तीन वर्ष की अवधि के उपरांत उसके उत्पादन से लाभ अर्जित कर सकते है। बांस का उत्पादन किसानों के लिए हरा सोना साबित होगा।
इसी योजना को सफल बनाने के उद्देश्य से गुरुवार को सामान्य वन परिक्षेत्र बजाग के द्वारा ग्राम भुरसी के किसान हितग्राहियों को बांस के पौधे भेंट कर पौधा रोपण कार्य कराया गया।
वनमंडल अधिकारी सामान्य डिडौरी एवं उपवनमंडल अधिकारी गाड़ासरई के निर्देशन में वनपरिक्षेत्र बजाग सामान्य अंतर्गत ग्राम भुरसी मॉल में सेवा पर्व के अवसर पर शासन के दिशा निर्देश के तहत बांस मिशन योजना द्वारा पंजीकृत कृषकों की निजी भूमि पर बांस पौधारोपण कार्य जनसहभागिता से पूर्ण किया गया उक्त रोपण कार्य सेवा पर्व के अवसर पर किया गया। जिसमें 992 पौधे देसी बांस प्रजाति के रोपित किए गए साथ ही अन्य ग्रामीण को वृक्षारोपण हेतु प्रेरित कर शासन की योजनाओं के प्रति जागरूक किया गया।
वन अमले की मौजूदगी में ग्राम भुरसी के हितग्राही सुखलाल परस्ते की खेत की मेड में बांस के पौधे रोपित किए गए। वही गांव के अन्य किसानों को इस योजना की जानकारी विस्तार पूर्वक दी गई। उन्हें बताया गया कि कैसे बांस का उत्पादन कर इसे लाभ का धंधा बनाया जा सकता है हितग्राहियों को बताया गया कि बांस लगाने से खेतों के आसपास जलस्तर भी बढ़ेगा।बांस की पत्तियां खेतों में उर्वरक के रूप में काम करेंगी।
वन परिक्षेत्र अधिकारी हर्षित सक्सेना ने जानकारी देते हुए बताया कि यह योजना वन विभाग से क्रियान्वित है राज्य बांस मिशन के तहत किसान हितग्राहियों को खेतों में बांस के पौधे लगाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। जिसके लिए हितग्राहियों को अनुदान भी मिलेगा। सर्वप्रथम किसानों को अनुदान के रूप में निःशुल्क पौधे प्रदान कर रोपण कार्य कराया जाएगा। जिसके बाद संरक्षण के लिए पौधे की जीवित अवस्था में शासन द्वारा दो वर्षों में अन्य दो बार हितग्राहियों को अनुदान दिया जाएगा। तीन वर्षों में पौधा तैयार होने के बाद बांस का उत्पादन होने लगेगा। और यह किसानों के लिए हरा सोने के रूप में उभरेगा। बांस से भू जलसंबर्धन होगा। तथा इसकी पत्तियां फर्टिलाइजर के रूप में फसलों के लिए उपयोगी साबित होंगी।
उक्त सेवा पर्व कार्यक्रम में वन परिक्षेत्र अधिकारी हर्षित सक्सेना अजय मुकुंदपोल, नरेश कुमार मरावी ग्राम भुरसी मांल के हितग्राहियों सहित अन्य ग्रामीण उपस्थित रहे।
इनका कहना है …
“राज्य बांस मिशन के तहत किसान हितग्राहियों को बांस के पौधे लगाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। जो कि हरा सोना के रूप में काफी फायदेमंद साबित होगा।”
हर्षित सक्सेना वन परिक्षेत्र अधिकारी सामान्य बजाग
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