
जबलपुर यश भारत। प्रदेश में सत्ताशीन भारतीय जनता पार्टी में नये प्रदेश अध्यक्ष को लेकर राजनीतिक गलियारों में एक बार फिर तेज हलचल नजर आ रही है और इस हलचल के पीछे है प्रदेश अध्यक्ष को लेकर केंद्रीय नेतृत्व द्वारा पर्यवेक्षक बनाए गए केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान का 8 मार्च को राजधानी भोपाल प्रवास का कार्यक्रम। वैसे तो सूत्रों से जो जानकारी मिल रही है उसके अनुसार श्री प्रधान विद्या भारती के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए भोपाल आ रहे हैं लेकिन सूत्रों का दावा है कि इसके पीछे मुख्य वजह प्रदेश अध्यक्ष के नाम को लेकर राय शुमारी करना है। सूत्रों की मांने तो केंद्रीय नेतृत्व अब और देरी करने के मूड में नहीं है। क्योंकि प्रदेश अध्यक्ष के
बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष का निर्वाचन भी होना है। वैसे तो संगठन चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी मै कवायद लंबे समय से चल रही है पहले मंडल अध्यक्षों के चुनाव उसके बाद जिला और नगर अध्यक्षों का निर्वाचन। यह दोनों प्रक्रियाएं पूरी हो चुकी है और अब केवल प्रदेश अध्यक्ष का निर्वाचन होना बाकी है। वैसे तो यह प्रक्रिया भी अब तक पूरी हो जानी चाहिए थी लेकिन किसी न किसी कारणवश इसमें विलंब होता गया और दावेदारों से लेकर उनके समर्थकों तक को लंबे समय से इंतजार करना पड़ा लेकिन अब जो परिस्थितियों बन रही हैं उसके प्रतीत होता है कि यदि सब कुछ ठीक रहा तो होली के पहले नये अध्यक्ष का नाम घोषित हो सकता है। संगठन की इस सबसे बड़ी कुर्सी पर आसीन होने के लिए आधा दर्जन से ज्यादा दावेदार अपना दावा ठोक रहे हैं। जिसमें संगठन से लेकर विधायक मंत्री और संसद तक शामिल है इन स्थितियों में पर्यवेक्षक श्री प्रधान की यही कोशिश होगी कि रायशुमारी के बाद आम सहमति से नये प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव हो सके। केंद्रीय पर्यवेक्षक धर्मेंद्र प्रधान के राजधानी पहुंचने की जानकारी मिलने के बाद अध्यक्ष पद के दावेदार भोपाल पहुंचकर अपनी दावेदारी को पुख्ता करने में कोई कसर बाकी रखना नहीं चाह रहे। अब देखना है कि अंतिम समय में किसके नाम पर मोहर लगती है।
प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव के बाद निगम मंडलों में हो सकती है नियुक्तियां
एक तरफ जहां प्रदेश अध्यक्ष के नाम को लेकर हलचल तेज है तो वही बड़ी संख्या में ऐसै नेता भी है जो निगम मंडलों में अपनी नियुक्ति की आस लगाए बैठे हैं। इनका इंतजार भी खत्म होने का नाम नहीं ले रहा। लेकिन अब जैसी की संभावनाएं बन रही हैं उससे लगता है कि इनका इंतजार भी जल्द खत्म हो जाएगा। नए प्रदेश अध्यक्ष के बनने के बाद उसकी सहमति से ही निगम मंडलों में भी नियुक्तियां की प्रक्रिया प्रारंभ हो सकती है।