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कानून ही दुनिया को चलाता है, मेहनत का कोई शॉर्टकट नहीं : विवेक तन्खा

जिसमें उत्साह और दृढ़ संकल्प है, उसे कोई रोक नहीं सकता  

कानून ही दुनिया को चलाता है, मेहनत का कोई शॉर्टकट नहीं : विवेक तन्खा

भोपाल  कानून के बिना दुनिया नहीं चल सकती, कानून ही दुनिया को चलाता है। आत्मविश्वास, कड़ी मेहनत, विनम्रता, ज्ञान के प्रति प्रतिबद्धता ही किसी भी पेशे में सफलता का असली रास्ता है। यह बात राज्यसभा सांसद, पूर्व सालिसिटर जनरल और देश के जाने-माने वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तन्खा ने यश भारत से विशेष बातचीत के दौरान कही। श्री तन्खा भोपाल स्थित टीआईटी शैक्षणिक संस्थान में पहुंचे थे। कानून की पढ़ाई कर रहे छात्रों को श्री तन्खा पर बनी यह बायोपिक दिखाई गई। जिसमें उनके वकील बनने से लेकर सोलिटेयर जनरल बनने और राज्यसभा सांसद बनने तक का संघर्ष दिखाया गया। इस दौरान टीआईटी के डायरेक्टर रामराज करसोलिया सहित विशेषज्ञ मौजूद रहे।
यश भारत से चर्चा में उन्होंने कहा कि लॉ उनका ड्रीम और पैशन रहा है। रूल ऑफ लॉ को स्थापित करने के लिए हर व्यक्ति को ईमानदारी और संकल्प के साथ आगे बढऩा चाहिए। रूल ऑफ लॉ को इस देश में स्थापित करने में मैं अपने को एक छोटा-सा स्तंभ मानता हूं। बिना कानून के दुनिया चल ही नहीं सकती। मुझे खुशी है कि यहां लॉ के बहुत सारे छात्र मौजूद हैं, क्योंकि एक वकील के जीवन में जो संघर्ष होता है, उसे मैंने जिया है।

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जिसमें उत्साह और दृढ़ संकल्प है, उसे कोई रोक नहीं सकता  

श्री तन्खा ने आगे कहा कि मैं हमेशा युवाओं को कहता हूं  उम्मीद मत छोड़ो, जिसमें उत्साह और दृढ़ संकल्प है, उसे कोई रोक नहीं सकता, चाहे कोई भी पेशा क्यों न हो। मेहनत करो, विनम्र रहो, लेकिन अपने सपनों को जरूर पूरा करो।जब उनसे पूछा गया कि आज वह देश में एक जाना-पहचाना नाम हैं और बच्चे उनकी तरह बनना चाहते हैं, मेहनत करते हैं, तो क्या मेहनत का कोई शॉर्टकट है? इस पर तन्खा ने स्पष्ट कहा मेहनत का कभी कोई शॉर्टकट नहीं होता।
एआई के नॉलेज पर निर्भर रहेंगे तो सफल वकील नहीं बन पाएंगे
उन्होंने मौजूदा समय में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के उपयोग को उदाहरण देते हुए कहा, आजकल एआई जरूर शॉर्टकट बन गया है, लेकिन अगर आप सिर्फ एआई-जनरेटेड नॉलेज पर निर्भर रहेंगे तो आप एक सफल वकील नहीं बन पाएंगे। याद रखना  अपनी नॉलेज, अपनी क्षमताओं और अपनी सोचने की शक्ति को मत छोडऩा। क्योंकि उसके बिना आप आगे नहीं बढ़ सकते।
दुबई में 29 सितंबर को प्रदर्शित होगी बायोपिक
श्री तन्खा ने अपनी बायोपिक के अनुभव पर कहा कि उन्हें सबसे अधिक खुशी तब मिलती है जब वह युवाओं के बीच होते हैं। यह बायोपिक अब पूरे विश्व में दिखाई जा रही है। हाल ही में न्यूयॉर्क फिल्म फेस्टिवल में प्रदर्शित हुई।  29 सितंबर  को दुबई में फेस्टिवल में प्रदर्शित होने जा रही है। जहां मौका मिलता है, मैं खुद पहुंचने की कोशिश करता हूं। लेकिन हर जगह एक ही डिमांड होती है कि जब फिल्म दिखाएं तो आप जरूर आइए। इसलिए जब समय मिलता है, मैं वहां जाता हूं।

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