भोपाल की घटना के बाद पूरे प्रदेश में आरटीओ विभाग अलर्ट, जबलपुर में चला चेकिंग अभियान. काटे गए चालान. वसूली गई राशि

जबलपुर यशभारत।भोपाल के बाणगंगा चौराहे पर स्कूल बस के ब्रेक फेल होने के कारण सड़क हादसा हो गया था। इस हादसे में एक महिला डॉक्टर की मौत हो गई थी जबकि कई लोग घायल हो गए थे उक्त घटना के बाद परिवहन अधिकारियों द्वारा पूरे प्रदेश में स्कूली बसों के वाहनों की फिटनेस टेस्ट किया जा रहा है। इसी तारतम्य में जबलपुर आरटीओ जितेंद्र सिंह रघुवंशी ने स्कूल बसों की चेकिंग की मुहिम शुरू की गई । जिसके चलते अनेक स्कूली बसों को चेक करते हुए अनेक स्कूली बसों के विरुद्ध कार्रवाई की गई। हालांकि स्कूलों के बंद होने के चलते संयुक्त टीम स्कूल पहुंची और खड़ी वाहनों की फिटनेस टेस्ट किया। साथ ही ड्राइवरों की मेडिकल जांच, लाइसेंस व बसों में इमरजेंसी गेट, आपातकालीन बटन, फर्स्ट एड सहित अन्य जरुरी दस्तावेज की जांच की जा रही है। उल्लेखनीय है कि भोपाल की घटना के बाद पूरे प्रदेश में यात्री बसों, शैक्षणिक संस्थानों की बसों और स्कूल बसों की सघन चेकिंग किये जाने का निर्णय लिया गया है। यह विशेष अभियान 13 मई से प्रदेश में एक साथ शुरू हो गया है अभियान में पुलिस और परिवहन विभाग के अधिकारी-कर्मचारी शामिल होंगे। आरटीओ श्री रघुवंशी ने बताया कि इस अभियान के तहत ऐसे 26 शैक्षणिक संस्थाओं के वाहनों को चेक किया गया जिसमें फिटनेस व परमिट नहीं पाया गया उन वाहनों के विरुद्ध कार्रवाई की गई। वहीं इस अभियान के संबंध में एसआई भाग्यश्री ने बताया कि चेकिंग के दौरान ऐसे भी वाहन मिले जिसका टैक्स बकाया था उसके विरुद्ध कार्रवाई की गई इस कार्रवाई में अनेक वाहनों के चालान काटे गए जिससे हजारों रुपए की राशि वसूल की गई।
यह हैं जाँच अभियान के प्रमुख बिंदु
इस संबंध में जबलपुर आरटीओ जितेंद्र सिंह रघुवंशी ने बताया इस अभियान में वाहनों की निम्न बिंदुओं पर जांच की जा रही है।
-सभी वाहनो में केन्द्रीय मोटरयान नियम, 1989 के नियम 118 अनुसार गति नियंत्रक लगा होना चाहिये।
-सभी यात्री शैक्षणिक वाहनों में लोकेशन ट्रेकिंग डिवाइस केमरे तथा पेनिक बटन लगे हों।
-सभी वाहनो में प्रथम उपचार पेटी (फर्स्टएड बॉक्स) अनिवार्य रूप से रखा जाये।
-यात्री एवं शैक्षणिक वाहनों में वाहन अनुसार उचित मात्रा का अग्निशमन यंत्र लगा होना चाहिए।
-वाहनों की खिड़कियों पर काले कॉच या परदे नहीं लगे होगें तथा वाहनो के अंदर की गतिविधि सदैव वाहन के बाहर से स्पष्ट रूप से दिखना चाहिये।
-वाहन के साथ वैध बीमा प्रमाण-पत्र, फिटनेस प्रमाण-पत्र, परमिट होना अनिवार्य है।
-यदि वाहन फिटनेस प्रमाण-पत्र होने के उपरांत अनफिट पाई जाती है तो फिटनेस जारीकर्ता अधिकारी के विरुद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।
-वाहन चालक एवं परिचालक के पास वैध लाइसेंस होना चाहिए।
-बस के सभी प्रकार के कर (टैक्स) पूर्ण रूप से जमा होना चाहिए।
-बस में किसी भी प्रकार के ओवरलोड अर्थात परमिट से अधिक यात्री न हो। बसों में माल ले जाने की परंपरा बहुत अधिक बढ़ रही है इसकी सघन चेकिंग की जा रही है। निर्धारित मात्रा से अधिक माल का परिवहन यात्री बसों द्वारा न किया जाए। दोषी वाहन चालकों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई की जायेगी। उक्त बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए सवारी एवं शैक्षणिक संस्थाओं के वाहनों में सघन चेकिंग अभियान चलाया जा रहा है।