
👉कथित इनकाउंटर की मजेस्ट्रीयल जांच तलब की हाईकोर्ट ने ।
👉जबलपुर:– सागर जिला के सुर्खी पुलिस थानांतर्गत ग्राम चतुर्भटा में पुलिस द्वारा देवरी कोर्ट से जारी वारंट की तामीली करने पहुची पुलिस ने भगवान सिंह लोधी को पकड़कर सर्विस रिवाल्वर से सीने के लेफ्ट साइड तीन गोली मारकर दिनांक 20/10/2006 को हत्या कर दी तथा उक्त घटना को एक एनकाउंटर का रूप देकर उक्त घटना को रफा दफा करने का प्रयास किया गया । घटना में मृतक भगवान सिंह लोधी की पी एम रिपोर्ट के मुताबिक गोली सीने में सटाकर फायर करने का स्पष्ट उल्लेख किया गया है । उक्त कथित इनकाउंटर की वैधानिकता को मृतक के पिता थान सिंह लोधी ने हाईकोर्ट में 31/10/ 72006 में ही अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर के माध्यम से चुनोती दी गई है । याचिका में स्वत्रन्त्र एजेंसी से जांच करतत्कालीन पुलिस कर्मी पूरन लाल नगायच, रामगोपाल शुक्ला तथा तत्कालीन पुलिस कप्तान मो. शाहिद अवसार के विरूद्ध हत्या का प्रकरण दर्ज करने तथा मृतक के आश्रितो उचित क्षतिपूर्ति प्रदान करने की राहत चाही गई है, उक्त याचिका क्रमांक 15765/2006 की प्रारंभिक सुनवाई पर हाईकोर्ट ने दिनांक 6/11/2006 को अनावेदकों को नोटिस जारी करके जबाब तलब किया गया था । अनावेदकों ने केस में उठाए गए मुद्दों का कोई जबाब नही दिया गया बल्कि अनावेदकों ने अपने जबाब में मजेस्ट्रीयल जांच का हबाला देते हुए जबाब दाख़िल किया गया था । उक्त प्रकरण की आज दिनांक 05/12/2022 को जस्टिस एस. ए. धर्माधिकारी ने सुनवाई की अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ने कोर्ट को बताया की उक्त प्रकरण 15 वर्षो से लंबित है आज दिनांक तक अनावेदकों द्वारा कोर्ट के समक्ष मजिस्ट्रीयल जांच पेश नही की गई है न ही आज दिनांक तक दोषी पुलिस अधिकारियों पर हत्या का प्रकरण दर्ज किया गया है, तथा 15 वर्ष व्ययतीत होने के कारण प्रकरण सारहीन नही हो सकता अपराधियो के अपराध के विरूद्ध अपराध पंजीवद्ध करने की कानून में कोई नियत समय सीमा नही है न ही अनावेदक यह तर्क कर सकते है की 15 वर्ष व्ययतीत होने के कारण प्रकरण सारहीन हो गया है । अधिवक्ता के उक्त तर्कों को गंभीरता से लेते हुए हाईकोर्ट ने मध्यप्रदेश शासन तथा कलेक्टर को चार सप्ताह के अंदर तत्कालीन मजेस्ट्रीयल रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया है ।