मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में फ्री हेलमेट के लिए ‘जंग’: बॉक्स छीनकर भागे लोग

मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में फ्री हेलमेट के लिए ‘जंग’: बॉक्स छीनकर भागे लोग
भोपाल,यशभारत। राजधानी भोपाल के अटल पथ पर आज मुख्यमंत्री मोहन यादव के फ्री हेलमेट वितरण कार्यक्रम के दौरान भारी अव्यवस्था देखने को मिली। मुफ्त हेलमेट पाने की होड़ में भीड़ बेकाबू हो गई, जिसके कारण जोरदार धक्का-मुक्की और छीना-झपटी हुई। हालात इतने बिगड़ गए कि कई लोग तो काउंटर से हेलमेट भरे बॉक्स ही छीनकर भाग निकले। अंततः भीड़ के दबाव के कारण सातों काउंटरों पर वितरण को रोकना पड़ा, जिससे कई लोग नाराज होकर लौट गए।
जागरूकता कार्यक्रम बना भगदड़ का मैदान
यह कार्यक्रम ‘सेवा पखवाड़े’ के तहत आयोजित किया गया था, जिसका उद्देश्य सड़क हादसों में होने वाली मौतों को कम करने के लिए बाइक सवारों को हेलमेट पहनने के लिए जागरूक करना था।
उद्देश्य: 2021 से 2025 तक भोपाल में 543 बाइक सवारों की मौत हेलमेट न पहनने से हुई। इसी को देखते हुए, जनभागीदारी के तहत करीब 2100 हेलमेट (स्टड्स कंपनी के ब्रांडेड) बांटे जाने थे।
सीएम का संदेश: मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने रैली को रवाना करने से पहले कहा कि हेलमेट पहनना ‘हमारा सुरक्षा कवच’ है और युवाओं को जिम्मेदारी से वाहन चलाना चाहिए।
ट्रक के पीछे दौड़ी भीड़, अधिकारियों पर लगे आरोप
वितरण रोकने के बाद जब हेलमेट से भरे दो ट्रक वापस जाने लगे, तो उत्सुक लोग यह सोचकर उनका पीछा करने लगे कि शायद उन्हें हेलमेट मिल जाए। हालांकि, वितरक ने स्पष्ट किया कि वे अतिरिक्त 320 हेलमेट वापस ले जा रहे थे।
वितरण रुकने से नाराज कई लोगों ने आरोप लगाया कि लाइन में खड़े आम नागरिकों की अनदेखी की गई और खाद्य एवं खनिज विभाग के कर्मचारियों ने पहचान वालों को तीन-चार हेलमेट दे दिए। वही हेलमेट पाने वाले एक युवक ने सरकार की इस पहल को सराहा, लेकिन साथ ही भोपाल की जर्जर सड़कों को भी तुरंत सुधारने की मांग की, ताकि दुर्घटनाओं को रोका जा सके।
सीएम का संदेश: मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने रैली को रवाना करने से पहले कहा कि हेलमेट पहनना ‘हमारा सुरक्षा कवच’ है और युवाओं को जिम्मेदारी से वाहन चलाना चाहिए।
इस दौरान कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने बताया कि यह पहल हादसों को रोकने के लिए की गई है और सभी को बिना हेलमेट मोटरसाइकिल नहीं चलानी चाहिए। हालांकि, फ्री सामान पाने की चाहत में हुई इस छीना-झपटी ने प्रशासनिक व्यवस्था पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं।







