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सडक़ें बनेंगी विकास की धुरी, शहरों में बढ़ेगी रफ्तार

सडक़ें बनेंगी विकास की धुरी, शहरों में बढ़ेगी रफ्तार

– सतत सडक़ अधोसंरचना कार्यशाला भोपाल में संपन्न

यश भारत भोपाल। शहरों की सडक़ें ही विकास की रफ्तार तय करती हैं। इनका निर्माण और रखरखाव उच्च गुणवत्ता के साथ होना आवश्यक है। यह बात नगरीय प्रशासन एवं विकास आयुक्त संकेत भोंडवे ने कहा कि आरसीवीपी नरोन्हा प्रशासन अकादमी भोपाल में आयोजित सतत सडक़ अधोसंरचना विषयक कार्यशाला को संबोधित करते हुए कही।
आयुक्त भोंडवे ने बताया कि प्रदेश में लगभग ढाई करोड़ लोग शहरी क्षेत्रों में निवास करते हैं। इन क्षेत्रों की सडक़ों पर यातायात का भारी दबाव है और अन्य नगरीय अधोसंरचनाओं का भी असर पड़ता है। इसलिए यह आवश्यक है कि सडक़ों को आधुनिक तकनीक और बेहतर गुणवत्ता के साथ बनाया जाए।

नगरीय प्रशासन, विकास एवं आवास विभाग के अंतर्गत आगामी पांच वर्षों में दो लाख करोड़ रुपये के कार्य प्रस्तावित हैं। साथ ही केंद्र सरकार की अमृत योजना, स्वच्छ भारत मिशन, प्रधानमंत्री आवास योजना, जलप्रदाय, सीवरेज, हरित क्षेत्र विकास और प्रयुक्त जल प्रबंधन जैसी योजनाओं का भी क्रियान्वयन किया जा रहा है।
आयुक्त भोंडवे ने कहा कि सडक़ें हमारी अर्थव्यवस्था की धुरी हैं, जो नगरीय निकायों के सभी क्षेत्रों को जोड़ती हैं। सडक़ गुणवत्ता सीधे कार्यकुशलता को प्रदर्शित करती है। उन्होंने अभियंताओं को तकनीक में बदलाव के अनुसार कार्यप्रणाली सुधारने की भी सलाह दी।

विशेषज्ञों ने बताए उपाय
कार्यशाला में विशेषज्ञों ने सडक़ निर्माण की नवीन प्रणालियों और गुणवत्ता के उपायों पर विस्तृत प्रस्तुति दी। आईआईटी इंदौर, रूडक़ी, केंद्रीय सडक़ अनुसंधान संस्थान, सडक़ परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय और रोडिक के विशेषज्ञों ने परियोजना प्रतिवेदन, निविदा प्रक्रिया, निर्माण तकनीक, गुणवत्ता नियंत्रण, परीक्षण प्रयोगशाला, डिजिटल परियोजना प्रबंधन, वास्तविक समय निगरानी, नगर सडक़ों की सुरक्षा और अपशिष्ट सामग्री के उपयोग पर जानकारी साझा की।
कार्यक्रम के प्रारंभ में प्रमुख अभियंता प्रदीप मिश्रा ने प्रदेश की नगरीय अधोसंरचना की जानकारी दी। कार्यशाला में लगभग 600 अभियंताओं का क्षमता-विकास किया गया।

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