
रिटायर्ड आबकारी अधिकारी के 8 ठिकानों पर लोकायुक्त छापा, मिली अकूत संपत्ति
इंदौर-ग्वालियर में धर्मेंद्र भदौरिया के घर-ऑफिस पर सर्चिंग; 75 लाख कैश, ढाई किलो सोना, विदेशी मुद्रा मिली
इंदौर यशभारत मध्य प्रदेश लोकायुक्त की टीम ने रिटायर्ड आबकारी अधिकारी धर्मेंद्र भदौरिया के 8 ठिकानों पर छापे मारे हैं। जिसमें अकूत संपत्ति उजागर हुई है। लोकायुक्त की टीम ने इंदौर में कैलाश कुंज, बिजनेस स्काई पार्क सहित सात और ग्वालियर में इंद्रमणि नगर स्थित घर पर सर्चिंग की जा रही है। धर्मेंद्र सिंह भदौरिया 1987 में भर्ती हुए थे। अगस्त 2025 में रिटायरमेंट हुआ। इस दौरान उनकी वैध आय करीब दो करो? रुपए मानी जा रही है।जांच में यह भी सामने आया है कि उनके बेटे सूर्यांश भदौरिया फिल्मों में निवेश करते थे। बेटी का भी फिल्मों में पैसा लगाने से जुड़ा लिंक सामने आया है। लोकायुक्त की टीम इंदौर में धर्मेंद्र भदौरिया के घर पर सर्चिंग कर रही है।कार्रवाई में अब तक डेढ़ किलो सोने का एक बार, एक किलो सोने के गहने, 4 किलो चांदी के जेवरात और 75 लाख कैश मिले हैं। इसके अलावा इंदौर में दो फ्लैट, निर्माणाधीन बंगला, यूपी के इटावा समेत इंदौर-ग्वालियर में कई बीघा जमीनें, 5 हजार विदेशी मुद्रा- यूरो, जिसका मूल्य साढ़े चार लाख। महंगी गाडिय़ां, परफ्यूम और एक रिवॉल्वर मिलीं हैं।
8 करोड़ खर्च और निवेश के सबूत
लोकायुक्त डीएसपी सुनील तालान ने कहा- गोपनीय शिकायत के आधार पर यह कार्रवाई की जा रही है। इंदौर के ठिकानों पर सर्चिंग में उज्जैन और इंदौर के अफसर शामिल हैं। भदौरिया को सेवाकाल के दौरान वेतन और भत्तों के रूप में लगभग 2 करोड़ रुपए मिले थे जबकि शुरुआती जांच में ही करीब 8 करोड़ रुपए के खर्च और निवेश के सबूत सामने आए हैं। भदौरिया के अलग-अलग बैंकों में पांच लॉकर हैं। कई बैंकों में उनके नाम पर अकाउंट भी हैं। इंदौर के काउंटी वॉक इलाके में 4700 वर्गफुट जमीन पर आलीशान बंगले का निर्माण चल रहा है। घर की तलाशी के दौरान टीम को 500 यूरो के 10 नोट मिले, यानी कुल 5000 यूरो की विदेशी मुद्रा भी उनके पास पाई गई है। तालान ने कहा- भदौरिया के बेटे सूर्यांश ने एक कंपनी बनाकर फिल्म निर्माण किया। इस काम में धर्मेंद्र ने भी पैसा इन्वेस्ट किया था। बेटी अपूर्वा की भी भागीदारी रही।
2020 में हो चुके सस्पेंड
इससे पहले 2020 में शराब ठेकों की नीलामी में लापरवाही के चलते उनको निलंबित किया गया था। नीलामी समय पर नहीं होने के कारण उनके खिलाफ यह कार्रवाई की गई थी।







