नवरात्र में धार्मिक स्थलों के पास अवैध अहातों का तांडव, अल सुबह से शुरु हो जाती बिक्री
शराबियों की छेड़छाड़ से श्रद्धालु परेशान

जबलपुर यश भारत – नवरात्र पर्व के दौरान संस्कारधानी जबलपुर पूरी तरह से धर्मधनी में तब्दील हो गई है। नगर के सिद्ध देवी मंदिरों और शक्तिपीठों में सुबह से देर रात तक भक्तों का तांता लगा हुआ है, लेकिन मां जगत जननी के दर्शन के लिए निकले श्रद्धालुओं को सड़क पर शराबियों के आतंक और अवैध अहातों के खुले संचालन के कारण भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
सड़कों पर अवैध कब्जा और छेड़छाड़
श्रद्धालुओं की सबसे बड़ी परेशानी शराब की दुकानों के बाहर सड़क पर अवैध रूप से संचालित हो रहे अहातों से है। शराबी न केवल सड़क पर अपनी गाड़ियाँ नियम विरुद्ध खड़ी कर रहे हैं, बल्कि वाहनों के ऊपर बैठकर खुलेआम शराब पीते नजर आ रहे हैं। इससे मां जगत जननी के दर्शन के लिए निकली माताओं, बहनों के साथ छेड़छाड़ और असहजता का सामना करना पड़ रहा है। हैरानी की बात यह है कि यह सब कुछ धार्मिक स्थलों के ठीक सामने हो रहा है।
प्रमुख चौराहों पर धड़ल्ले से संचालन
शहर के ज्योति टॉकीज चौराहे के बाजू में स्थित मंदिर के सामने शराब दुकान है, जहाँ अहाता संचालित हो रहा है। श्रद्धालुओं ने बताया कि यहाँ दुकान के बाहर ही अवैध तरीके से वाहन खड़े कर शराब पी जा रही है। वहीं, रसल चौक चौराहे के पास स्थित शराब दुकान के बाजू से भी टीन का शेड लगाकर शराब परोसी जा रही है। ये मामले दर्शाते हैं कि शहर में जगह-जगह ऐसे नजारे आम बात हो गए हैं।
प्रशासन का ‘नशा मुक्ति अभियान’ धरातल से कोसों दूर
कुछ समय पहले ही शासन-प्रशासन द्वारा ‘नशा मुक्ति अभियान’ की पहल की गई थी, जिसमें मैराथन दौड़ के माध्यम से शहरवासियों को नशा छोड़ने का संदेश दिया गया था। मगर, वर्तमान स्थिति को देखते हुए यह अभियान
धरातल से कोसों दूर दिखाई दे रहा है।
हाल ही में कुछ अवैध अहातों के वीडियो भी वायरल हुए थे और प्रशासन ने कार्रवाई की बात कही थी, लेकिन न तो कोई ठोस कार्रवाई हुई और न ही इन पर रोक लगाई गई। नतीजा यह है कि अवैध अहाता संचालित करने वालों को प्रशासन का तनिक भी खौफ नहीं है और वे धड़ल्ले से अपना धंधा चला रहे हैं। पुलिस द्वारा फ्लैग मार्च और अन्य तरीकों से व्यवस्था बनाए रखने का संदेश दिया जा रहा है, लेकिन इसका कोई असर नजर नहीं आ रहा है, जिससे श्रद्धालु अपने आप को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। अब देखना होगा कि प्रशासन इस पर्व के दौरान श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कोई निर्णायक कदम उठाता है या नहीं।

अल सुबह से शुरू हो जाती है बिक्री
कहने को तो पर शराब दुकानों के खुलने और बंद होने के लिए बाकायदा नियम भी हैं वैसे तो आज के माहौल में शहर की दुकानों से चोरी छिपे रात भर शराब की बिक्री की जा रही है और यदि दुकानों की शटर खुलने की बात करें तो सुबह 6:00 से ही शहर में बहुत सारी दुकानों में शराब की बिक्री बात बाकायदा खुलेआम शुरू हो जाती है अब सवाल यह उठता है कि जब इसी तरह की छूट आबकारी विभाग को देनी ही थी तो शराब दुकानों खुलने और बंद होने के नियम का दिखावा क्यों किया गया और यदि ऐसा नहीं है तो फिर आज तक ऐसी किसी एक भी दुकान के खिलाफ कार्यवाही क्यों
नहीं की गई जो निर्धारित समय से पहले खुल जाती हैं और समय पर बंद नहीं होती और फिर किसके इशारे या शह पर गुप्त खिड़कियों के जरिये रात भर शराब बिक रही है। क्या इसके पीछे भी नजराना ही काम आ रहा है।








