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मेडिकल दुकान में क्लीनिक चलाने डॉक्टरों को स्वास्थ्य विभाग की हिदायतःपंजीयन नहीं तो दुकान सील कर दी जाएगी

 

जबलपुर, यशभारत। झोलाछाप या फिर बगैर डिग्री के लोगों का इलाज करने वाले डॉक्टरों के लिए स्वास्थ्य विभाग का नया फरमान आया है। जिला स्वास्थ्य विभाग ने आदेश जारी किया है कि मेडिकल दुकान में क्लीनिक चलाने वाले डॉक्टरों को पंजीयन कराना होगा अगर ऐसा नहीं करते हैं तो मेडिकल दुकान को सील करने के साथ डॉक्टर पर कार्रवाई की जाएगी।
जानकारी के अनुसार मध्य प्रदेश उपचारगृह तथा रूजोपचार संबंधी संस्थाएं (रजिस्ट्रीकरण तथा अनुज्ञापन) अधिनियम, 1973 तथा क्लिनिक एस्टेब्लिशमेंट रूल्स के अंतर्गत जबलपुर जिले में सभी ऐसे संस्थानों को निर्देशित किया जाता है, जहां दवा दुकान (मेडिकल शॉप) में किसी पंजीकृत चिकित्सक द्वारा मरीजों को देखा जाता है। चाहे वह प्रतिदिन बैठते हों या महीने में एक दिन ऐसे सभी संस्थानों को क्लिनिक का पंजीयन अनिवार्य रूप से कराना होगा।

ड्रग लाइसेंस के आधार पर क्लिनिक संचालन मान्य नहीं है। यदि किसी भी मेडिकल शॉप पर डॉक्टर बैठते हैं, तो वहाँ क्लिनिक पंजीयन प्राप्त करना अनिवार्य है। पंजीयन के पश्चात ही क्लिनिक संचालन किया जा सकेगा।

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डॉक्टर की पात्रता
क्लिनिक में बैठने वाले चिकित्सक को या तो मध्यप्रदेश मेडिकल काउंसिल से पंजीकृत होना चाहिए, या नेशनल मेडिकल कमिशन, दिल्ली से मान्यता प्राप्त पंजीकरण होना चाहिए।

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अन्य अनिवार्यताएँ

यदि क्लिनिक से बायोमेडिकल वेस्ट उत्पन्न होता है, तो पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड से एनओसी प्राप्त करना अनिवार्य है।समस्त क्लिनिकों को एमपी ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से पंजीयन हेतु आवेदन करना होगा।औषधि निरीक्षक को निर्देशित किया गया है कि जिन मेडिकल शॉप्स में क्लिनिक पंजीयन नहीं है और वहाँ डॉक्टर द्वारा परामर्श सेवाएं दी जा रही हैं, ऐसे संस्थानों के विरुद्ध ड्रग लाइसेंस रद्द करने की कार्यवाही की जाए। चाहे डॉक्टर मात्र एक दिन के लिए ही क्यों न बैठते हों, क्लिनिक पंजीयन कराना अनिवार्य है।

 

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दूसरे जिले के डॉक्टरों को भी कराना होगा पंजीयन
मध्यप्रदेश के बाहर से आने वाले चिकित्सकों के संबंध में यह देखा गया है कि वे जबलपुर आकर मेडिकल शॉप्स में बैठकर परामर्श सेवाएं दे रहे हैं। ऐसे डॉक्टरों के लिए भी यह स्पष्ट किया जाता है कि यदि वे जबलपुर में किसी भी मेडिकल शॉप या स्थान पर परामर्श देने का कार्य करते हैं, तो क्लिनिक का पंजीयन कराना अनिवार्य है, चाहे वे कितने ही सीमित समय के लिए क्यों न आ रहे हों। बिना पंजीयन के चल रहे क्लिनिक या किसी मेडिकल शॉप में डॉक्टर का बैठना और परामर्श देना पूर्णतः अवैध है। ऐसे सभी संस्थानों को चेतावनी दी जाती है कि यदि क्लिनिक पंजीयन नहीं पाया गया, तो उक्त क्लिनिकध्स्थल को किसी भी समय सील किया जा सकता है, एवं अधिनियम के अंतर्गत दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।

 

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