जबलपुरदेशभोपालमध्य प्रदेशराज्य

टमाटर की अच्छी आवक, अप्रैल माह तक सस्ते मिलेंगे–किसानों का भाड़ा, मजदूरी और बीज खर्च भी नहीं निकल रहा

जबलपुर, यशभारत। टमाटर की जोरदार आवक होने से कीमतों में जबरदस्त गिरावट आई है। आगे और भी दामों में मंदी की संभावना है। मप्र की आम जनता को आगामी अप्रैल माह तक सस्ता टमाटर मिलता रहेगा। ये दावा किसानों और व्यापारियों ने किया है। फिलहाल दाम कम होने से किसानों को गाड़ी भाड़ा, मजदूरी, तुड़ाई खर्च पूरा करने के लिए मुश्किलें आ रही हैं।
आम जनता के घरों, ढाबों, होटलों में गर्मियां शुरू होने से पहले अप्रैल माह तक सस्ता टमाटर मिलता रहेगा। फिलहाल किसानों का गाड़ी भाड़ा, मजदूरी, तुड़ाई, बीज, दवाई, खाद खर्च निकलने में मुश्किलें आ रही हैं। किसानों के अनुसार एक कैरेट पर 80 से 90 रुपए लागत आती है। नुकसान तो हो रहा है, लेकिन क्या कर सकते है, माल तो मंडी में लाकर बेचना ही होगा, नहीं तो खेतों में खराब हो जाएगा। इसके बाद अप्रैल-मई में महाराष्ट्र से नए टमाटर की आवक शुरू होगी। उसके बाद ही कीमतों में इजाफा होने की संभावना है, क्योंकि गर्मियों में आवक 2 से 3 हजार कट्टे की ही होती है। ठंडे मौसम में टमाटर की खपत कम होती है, क्योंकि हरी सब्जियों की भरपूर आवक होती हैं।
मई से अक्टूबर तक महंगा बिका था
व्यापारियों के अनुसार मई से लेकर अक्टूबर तक 1500 से 2000 हजार रुपए प्रति कैरेट तक भाव पहुंच गए थे। नवंबर-दिसंबर में ठंड शुरू होते ही जोरदार आवक होने से दाम और 500 से 700 रुपए प्रति कैरेट तक पहुंच गए। अब जनवरी में दाम औंधे मुंह गिर पड़े और 100 से 150 रुपए प्रति कैरेट तक आ पहुंचे। व्यापारियों ने बताया कि बड़ी मात्रा में आवक हो रही हैं।
टमाटर लगाने वाले किसान मुसीबत में
टमाटर की फसल दो प्रकार से लगाई जाती हैं। एक तो जमीन में सीधे और दूसरे तार और बांस-बल्लियों पर बेल को चढ़ाया जाता है। जमीन पर फसल लगाने वाले किसानों को लागत कम लगती हैं, लेकिन यह टमाटर जल्दी खराब होता है। स्टोरेज में भी दिक्कत रहती है इसलिए इसकी मांग फिलहाल कम है। जमीन से ऊपर लगाने वाला टमाटर लंबे समय तक चलता है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
WhatsApp Icon Join Yashbharat App