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जहरीले’ सिरप से मौतों का सिलसिला जारी; छिंदवाड़ा में कोल्ड्रिफ और नेक्स्ट्रो-डीएस सिरप 10वें बच्चे की मौत

सिर्फ छिंदवाड़ा में होती थी सप्लाई

जहरीले’ सिरप से मौतों का सिलसिला जारी; छिंदवाड़ा में कोल्ड्रिफ और नेक्स्ट्रो-डीएस सिरप 10वें बच्चे की मौत

जबलपुर/भोपाल। मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में कफ सिरप से संबंधित मौतों का दर्दनाक सिलसिला थम नहीं रहा है। किडनी फेल होने से शनिवार दोपहर नागपुर में इलाज के दौरान बड़कुई निवासी डेढ़ साल की योगिता ठाकरे की मौत हो गई। इसके साथ ही, पिछले एक महीने के भीतर किडनी फेलियर से जान गंवाने वाले मासूमों की संख्या बढ़कर 10 हो गई है।

गंभीरता को देखते हुए, मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सख्त कार्रवाई करते हुए, Coldrif और Nextro-DS कफ सिरप को पूरे मध्य प्रदेश में बैन करने की घोषणा की है। सीएम ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर बताया कि तमिलनाडु सरकार से जांच रिपोर्ट मिलने के बाद यह कड़ा कदम उठाया गया है।

डिप्टी सीएम का बयान बदला: पहले नकारा, अब जब्त करने के निर्देश

इस बीच, पहले सिरप से मौतों की बात को नकारने वाले डिप्टी सीएम ने अब स्थिति की गंभीरता को देखते हुए, जहां भी बैन किए गए सिरप मिलें, उन्हें तुरंत जब्त करने के निर्देश दिए हैं।

सिर्फ छिंदवाड़ा में होती थी सप्लाई

जांच में यह खुलासा हुआ है कि तमिलनाडु के कांचीपुरम स्थित श्री सन फार्मा कंपनी द्वारा निर्मित कोल्ड्रिफ सिरप की सप्लाई जबलपुर के कटारिया फार्मास्यूटिकल से सिर्फ छिंदवाड़ा में ही होती थी। कटारिया फार्मास्यूटिकल ने सितंबर में 660 बोतलें मंगवाई थीं, जिनमें से 594 बोतलें छिंदवाड़ा की तीन मेडिकल शॉप पर सप्लाई की गईं थीं यह सामने आया है कि 2023 में ही डायरेक्टर जनरल ऑफ हेल्थ सर्विस ने राज्यों को पत्र भेजकर चेतावनी दी थी कि ‘क्लोरफेनिरामाइन मैलिएट आईपी 2एमजी प्लस फिनाइलेफ्राइन एचसीएल 5 एमजी ड्रॉप’ फॉर्मूले की दवा 4 साल से कम उम्र के बच्चों को नहीं दी जानी चाहिए। इसके बावजूद, छिंदवाड़ा के डॉक्टरों द्वारा यह दवा लिखी गई। जान गंवाने वाले 10 में से अधिकांश बच्चे 4 साल या उससे कम उम्र के थे।

जांच के लिए SIT का गठन

घटना की जांच के लिए अब राज्य स्तर पर SIT बनाई जाएगी। वर्तमान में, केंद्र और राज्य की कई टीमें (CDSCO, NCDC, NIV, SFDA) मामले की जांच कर रही हैं। केंद्र की संयुक्त टीम ने शुरुआती जांच में कफ सिरप के सैंपल में डाईएथिलीन ग्लाइकॉल (DEG) या एथिलीन ग्लाइकॉल (EG) नहीं पाया है, हालांकि राज्य के 8 अन्य सैंपलों की रिपोर्ट अभी आनी बाकी है।

ड्रग कंट्रोलर के निर्देश पर जबलपुर ड्रग इंस्पेक्टरों की एक टीम भी 7 दिन के भीतर जांच रिपोर्ट भोपाल मुख्यालय को सौंपेगी। कटारिया फार्मास्यूटिकल के डीलर ने कहा है कि आज तक इस कंपनी के उत्पादों से कोई नुकसान नहीं हुआ है और मौतें सिरप से ही हुई हैं या नहीं, यह जांच का विषय है।

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