15 साल की बच्ची ने लगाई फांसीः नानी-मामा ने कहा पिता ने हत्या की , सुसाइड नोट में लिखा यही तक था मेरा जीवन….
जबलपुर, यशभारत। संजवनी नगर के चंदनकॉलोनी में 15 साल की बच्ची ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली, बच्ची की मौत खबर जब पूरे क्षेत्र में फैली तो सनसनी मच गई इसका कारण बच्ची का मिलनसार व्यवहार, क्योंकि मृतिका बच्चे हो बूढ़े सबके साथ मिलकर बैठकर गप्पे लगाती थी, मौत की खबर जब उसकी नानी-मामा को लगी तो वह मौके पर पहंुचे और चिल्ला-चिल्ला कर कहने लगे कि नातिन को उसके पापा और दादी ने मारा है ये आत्महत्या नहीं हत्या है। इधर मृतिका के पास से एक सुसाइड नोट मिला है जिसमें यही तक जीवन था, मेरी मौत का कोई कारण नहीं है, सुसाइड नोट में किसी का नाम भी नहीं लिखा है। पुलिस ने घटना की जानकारी लगते ही शव को पीएम के लिए भिजवाते हुए मर्ग को जांच में लिया है।
जानकारी के अनुसार चंदन कॉलोनी निवासी चंद्रेश तिवारी की बेटी आराध्या तिवारी 15 साल ने फांसी पर झूल गई, आराध्या के बारे में क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि बहुत होशियार थी कक्षा 10वीं पढती थी ऐसा कदम उठा लेगी सोचा नहीं था। आराध्या की नानी सरोज मिश्रा, मामा नीरज मिश्रा ने आरोप लगाया कि उनके दामाद की दूसरी शादी हो चुकी है आराध्या उनकी बेटी नीतू की संतान थी। नीतू की मौत बीमारी के चलते हो गई थी जिसके बाद दामाद ने दूसरी शादी कर ली जिसके बच्चे भी है। दामाद और उसकी मां मृतिका आराध्या को प्यार नहीं करते थे आए किसी न किसी बात पर मानसिक रूप से प्रताड़ित करते थे और इसी से तंग आकर दामाद और उसकी मां ने आराध्या को फांसी पर लटकाकर हत्या कर दी। इधर संजीवनी थाना पुलिस का कहना है कि पूरे मामले की जांच कर रहे हैं, सुसाइड नोट के आधार पर भी जांच जारी है, आत्महत्या किन कारणों से हुई पता लगाया जा रहा है।
चोरी का आरोप लगाया था भांजी पर
मामा नीरज मिश्रा ने आरोप लगाते हुए बताया कि कुछ दिन पूर्व आराध्या के पतिा चंद्रेश ने उस पर चोरी का आरोप लगाया था जिसकी सूचना फोन पर दी गई थी। इस बात पर दामाद चंद्रेश से कहा गया था कि वह आराध्या को नहीं रखना चाहते हैं तो हमारे पास भेज दें परंतु दामाद इस बात तैयार नहीं हुए। मृतक आराध्या भी कई बार फोन पर पापा और दादी के द्वारा प्रताड़ित करने की बताती थी।
दोपहर की घटना शाम को खबर दी
मृतिका के बड़े मामा नरेंद्र कुमार मिश्रा ने आरोप लगाया कि घटना दोपहर 2.30 बजे की थी परंतु दामाद ने शाम को खबर दी। आराध्या 10वीं कक्षा में थी एनएसीसी में उसका रूझान था और वह उसकी पढ़ाई टेनिंग दोनों कर रही थी। कई बार आराध्या ने अपने पिता की शिकायत की जिस पर दामाद और उनके परिवार से कहा गया कि वह उसे भेज दें परंतु वो तैयार नहीं हुए।