वैराग्य के बिना राम राज्य की स्थापना नहीं होगी: बद्री प्रपन्नाचार्य
बह रही भक्ति की गंगा, बड़ी संख्या में पहुंच रहे भक्त

शहडोल।मनोज ट्रेडिंग कंपनी एवं मनोज टीवीएस परिवार के द्वारा आयोजित नौ दिवसीय संगीतमय श्रीराम कथा के पंचम दिवस आयोध्या दर्शन, राजतिलक की तैयारी, राम वनगमन एवं केवट संवाद के प्रसंग को कथा व्यास पंडित बद्री प्रपन्नाचार्य जी महाराज द्वारा सुंदर और सुमधुर रूपो में सचित्र झांकी के साथ श्रोताओं को रसपान कराया गया।
कथा व्यास पंडित बद्री प्रपन्नाचार्य जी महाराज द्वारा पंचम दिवस के कथा में श्रीराम जी के वन गमन एवं केवट संवाद की महिमा को विस्तार से संगीतमय बताया। संगीतमय श्रीराम कथा को सुनने बड़ी संख्या में श्रीराम चरित्र मानस के प्रेमी शुभम पैलेस पहुंच रहे है।
श्रीराम कथा के व्यासपीठ बद्री प्रपन्नाचार्य महाराज ने श्रीराम कथा में भगवान श्रीराम की माता सीताजी के साथ जनकपुर से विदाई, अयोध्या दर्शन एवं वन गमन के प्रसंग में बताया कि जब तक जीवन वैराग्य नहीं होगा, तब तक रामराज्य की स्थापना नहीं हो पाएगी।उठते बैठते सोते जागते हर क्षण भगवान से श्रीराम का नाम लेना चाहिए।राम वन गमन की कथा एवं केवट के ऊपर भी रामजी कृपा करते हैं,कथा में उन्होंने सभी से आह्वान किया कि पहली रोटी गाय माता के लिए निकालनी चाहिए।महाराज जी के द्वारा प्रभु श्रीराम के कथा को सुंदर रूप में सुनाया जा रहा है। श्रीराम कथा का प्रसंग सुनने के लिए श्रीराम जानकी मंदिर बुढार के महंत स्वामी राम बालक दास महाराज का आगमन हुआ। उनके साथ श्रीधर आचार्य सहित कई विशिष्ट जन मनोज गुप्ता परिवार के द्वारा आयोजित कथा को सुनने पहुंच रहे हैं ।
श्रीराम कथा शुरू होने से पहले वैदिक मंत्रोच्चार के बीच मुख्य श्रोता बब्बीबाई गुप्ता एवं आयोजक मनोज टीवीएस परिवार के हनुमान प्रसाद, राजेश गुप्ता,मनोज गुप्ता, योगेश गुप्ता, हिमांशु गुप्ता,शिवांश गुप्ता एवं अक्षत गुप्ता ने व्यास पीठ एवं व्यासजी का पूजा अर्चना किया। चित्रकूट धाम से पधारे रामचरितमानस के मर्मज्ञ कथा व्यास पंडित बद्री प्रपन्नाचार्य महाराज ने स्वागत पश्चात श्रीराम कथा में आयोध्या दर्शन, राजतिलक की तैयारी, राम वनगमन एवं केवट संवाद के प्रसंग का रसपान श्रोताओं को कराया गया। श्रीराम कथा के दौरान महाराज जी का साथ संगीत मंडली ने सुमधुर भजनों के साथ
*कर्ण प्रिय व मनमोहक भजन ने पूरे परिसर को भक्तिमय कर दिया।*
श्रीराम कथा में अब तक रामचरितमानस के महत्व एवं महिमा के साथ भारद्वाज, प्रयाग महिमा, सती प्रसंग एवं शिव पार्वती के विवाह, श्रीराम जन्मोत्सव,श्रीराम,भरतजी, लक्षणजी एवं शत्रुघनजी की बाल लीलाओ का वर्णन के साथ ही प्रभु श्रीराम के विवाहोत्सव का झांकी के मध्य दर्शन के साथ महाराज जी के द्वारा श्रोताओं को रसपान करा चुके है।
आचार्य बद्री प्रपन्नाचार्य महाराज ने स्वामी रामकृष्ण आचार्य के सानिध्य में कथा के मुख्य यजमान बब्बीबाई गुप्ता सहित श्रोताओ को श्रीराम कथा का रसपान 29 मार्च तक प्रतिदिन दोपहर 3 बजे से श्रवण कराया जाएगा।