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जबलपुर की रितिका की कहानीः पिता का साया छिना, कमजोर हुई लेकिन लाड़ली लक्ष्मी योजना ने हौंसला बनाए रखा

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जबलपुर, यशभारत। रितिका सोंधिया वह बच्ची है जिसके उपर से बहुत कम समय में पिता का साया छिन गया, परिवार में इकलौते कमाने वाले उसके पिता के जाने के बाद रितिका के परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत खराब हो गई। रितिका ने बहुत कम उम्र में काम करने की सोच ली पर मां तैयार नहीं हुई। बीच-बीच में रितिका और उसके परिवार मानसिक रूप से कमजोर हुआ परंतु जब मप्र सरकार की महत्वकांक्षी लाड़ली लक्ष्मी योजना से जैसे ही रितिका नाम जुड़ा तो सारी परेशानी दूर हो गई।

जबलपुर जिले के राजीव नगर चेरीताल निवासी लाड़ली लक्ष्मी योजना की हितग्राही दसवीं की छात्रा रितिका सोंधिया के परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है, उस पर कुछ साल पहले परिवार के एक मात्र कमाऊ सदस्य रितिका के पिता की अचानक मृत्यु हो गई। पहले से ही आर्थिक तंगी झेल रहे परिवार पर मुखिया की मृत्यु से मुसीबतों की दोहरी मार पड़ी। रितिका और रितिका की मां संगीता सोंधिया पर बच्चियों के भरण पोषण और शिक्षा-दीक्षा का भार आ गया। लेकिन रितिका का पंजीयन लाड़ली लक्ष्मी योजना में होने के कारण रितिका ने दसवीं कक्षा की परीक्षा दिया हैं। इसके पहले रितिका को योजना के प्रावधान के तहत कक्षा 6 में प्रवेश के साथ ही दो हजार रूपये और उसके बाद कक्षा नवमीं में प्रवेश के बाद उसके खाते में 4 हजार रूपये की राशि छात्रवृत्ति के रूप में मिली। इससे रितिका की न केवल पढ़ाई जारी है, बल्कि इस मामले में उसकी मां संगीता की चिंता भी अब दूर हो गई है।

रितिका भविष्य में डाॅ. बनना चाहती है, वहीं रितिका की बहन रितिका का भी लाड़ली लक्ष्मी योजना में पंजीयन होने की वजह से उसे भी छटवीं कक्षा की छात्रवृत्ति प्राप्त हो गई है। संगीता ने लाड़ली लक्ष्मी योजना शुरू करने के लिये मुख्यमंत्री को धन्यवाद देते हुये कहा कि इससे गरीब परिवार की कई बेटियों का भविष्य संवर रहा हैं।

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