मध्यप्रदेश सरकार के खिलाफ नारायणगंज मंडला से चलकर जबलपुर पहुंचे हजारों आदिवासी: 4 घंटे से कमिश्नर के दफ्तर के सामने बैठे रहे, कमिश्नर कार से मंडला तक निकल गए

जबलपुर, यशभारत। मध्यप्रदेश सरकार की वादाखिलाफी को लेकर नारायणगंज मंडला के आदिवासी पैदल चलकर जबलपुर पहुंचे। आदिवासियों ने कमिश्नर कार्यालय के सामने धरना दिया, पूरे 4 घंटे तक धरने पर बैठे रहने के बाबजूद कमिश्नर उनसे मिलने नहीं पहुंचे और कार से मंडला रवाना हो गए। 75 किलोमीटर की पैदल यात्रा कर जबलपुर पहुंचे आदिवासियों का दर्द था कि सरकार ने उनके साथ वादाखिलाफी की। आदिवासी क्षेत्र होने के बाबजूद मूलभूत सुविधाओं से दूर रखा, आज पीने का पानी से लेकर शिक्षा जैसी व्यवस्था से आदिवासी क्षेत्र अधूता है। यही नहीं बसानिया गांव में बांध बनाने की योजना तैयार कर ली गई जबकि मुख्यमंत्री इस प्रस्ताव को निरस्त कर चुकें है।
30 जनवरी से पैदल चल रहे हैं
आदिवासियों ने बताया कि वह अपनी मांगों को लेकर 30 जनवरी से पैदल यात्रा कर रहे हैं। इस यात्रा में बच्चे-बूढ़े से लेकर विकलांग व्यक्ति शामिल है। हैरानी की बात तो यह है कि संभागायुक्त कार्यालय के सामने 4 घंटे धरना दिया लेकिन कमिश्नर ध्यान तक नहीं दिया और कार में बैठकर मंडला चले गए। मध्यप्रदेश में इस तरह से आदिवासियों को अनदेखा किया जा रहा है जिससे प्रतीत होता है सरकार की घोषणाओं में आदिवासियों को विकास किया जा रहा है।
मंडला कलेक्टर तो सुन ही नहीं रही
आदिवासियों ने बताया कि मंडला कलेक्टर को अनेक बार ज्ञापन और शिकायत सौंपी है बाबजूद कलेक्टर ने उनकी मांगों को सरकार तक पहुंचाया है। इधर प्रशासनिक अधिकारियों ने आदिवासियों की मांगों का एक ज्ञापन लेते हुए आश्वासन दिया है कि उनकी मांगों को लेकर चर्चा की जाएगी।