
जबलपुर यश भारत। कांग्रेस की पहली सूची में सबसे ज्यादा चौंकाने वाला नाम शेखर चौधरी का था जो पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एमपी प्रजापति की टिकट काटकर गोटेगांव विधानसभा सीट से सामने आया था। फिर दूसरी सूची में भी एनपी प्रजापति का नाम सबसे ज्यादा चौंकाने वाला रहा है। इस बार उन्होंने शेखर चौधरी का नाम कटवा कर अपना नाम गोटेगांव से जुडा लिया। जानकारी के मुताबिक भोपाल के रास्ते एनपी प्रजापति की छुट्टी की गई थी और उन्होंने दिल्ली के रास्ते अपनी वापसी दर्ज कराई है ।

सरकार गिराने के लगे थे आरोप
2020 में विधायकों के पाला बदलने के बाद अल्पमत में आई कांग्रेस की सरकार गिरने को लेकर एनपी प्रजापति पर आरोप लगे थे की बतौर विधानसभा अध्यक्ष उन्होंने अपने दायित्वों का सही तरीके से पालन नहीं किया था। जिसके चलते कांग्रेस की सरकार गिर गई थी। जो कांग्रेस की सरकार गिराने को लेकर एनपी प्रजापति पर आरोप लगाए गए थे जिसके आधार पर उनकी टिकट काटने की बातें भी भीतर खाने से सामने आ रही थी। जिसके जवाब में एनपी प्रजापति द्वारा भी अपनी बात सामने रखी गई थी और संवैधानिक दायित्वों का हवाला दिया गया था। जिसको लेकर यश भारत द्वारा भी एक समाचार प्रकाशित किया गया था।
इनकी मिली मदद
जानकारी के अनुसार प्रजापति प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और राज्यसभा सांसद विवेक तंखा के करीबी माने जाते हैं ।दिग्विजय सिंह के मुख्यमंत्री रहते हुए वह उनकी सरकार में मंत्री भी रहे थे और बाद में कमलनाथ सरकार में उन्हें विधानसभा अध्यक्ष बनाया गया था। साथ ही नरसिंहपुर जिले के होने के कारण उनकी राज्यसभा सांसद विवेक तंखा से भी करीबी रही है। टिकट कटने के बाद माना जा रहा है कि दोनों ही वरिष्ठ नेताओं ने 10 जनपद और 24 अकबर रोड में उनके लिए मदद के रास्ते तैयार किए थे और सीधे कांग्रेस मुख्यालय से उन्हें वापसी का रास्ता मिला है।