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चूहों के आतंक पर मचा सियासी बवाल – मेडिकल अस्पताल प्रबंधन घिरा सवालों में

विवेक तन्खा की पोस्ट के बाद प्रशासन में हड़कंप, सफाई ठेकेदारों की भूमिका पर भी उठे सवाल

चूहों के आतंक पर मचा सियासी बवाल – मेडिकल अस्पताल प्रबंधन घिरा सवालों में

विवेक तन्खा की पोस्ट के बाद प्रशासन में हड़कंप, सफाई ठेकेदारों की भूमिका पर भी उठे सवाल

जबलपुर, यशभारत। नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल अस्पताल में चूहों द्वारा मरीजों और अटेंडर को काटे जाने की घटना के बाद अब मामला सियासी और प्रशासनिक दोनों स्तरों पर गरमा गया है। राज्यसभा सांसद एवं वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तन्खा की सख़्त टिप्पणी के बाद अस्पताल प्रबंधन बचाव की मुद्रा में आ गया है।विवेक तन्खा ने एक्स (ट्विटर) पर पोस्ट कर डीन डॉ. नवनीत सक्सेना की कार्यशैली पर सीधा निशाना साधा। उनका कहना है कि ऐसी घटनाओं को “मामूली” बताना न केवल संवेदनहीनता है बल्कि इस बात का सबूत है कि डीन अपने पद के योग्य नहीं हैं। उनकी इस टिप्पणी ने पूरे प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं पर नई बहस छेड़ दी है।

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प्रबंधन में हड़कंप, कार्रवाई की मांग तेज

परिजन और मरीज लगातार शिकायतों का हवाला दे रहे हैं। चूहों के आतंक की तस्वीरें और बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं।स्वास्थ्य विभाग पर दबाव बढ़ रहा है कि ठेकेदार और प्रबंधन दोनों की जवाबदेही तय की जाए।

पुरानी घटनाएँ भी आईं चर्चा में

इंदौर के एमवाय अस्पताल में भी चूहों के काटने से नवजातों की मौत हुई थी। उस घटना के बाद सतर्कता बढ़ाने की बात कही गई थी, लेकिन जबलपुर में दोहराई गई घटना ने साफ कर दिया कि चेतावनी का कोई असर नहीं हुआ अस्पताल प्रबंधन का सफाई बयान
डीन डॉ. नवनीत सक्सेना का कहना है कि—
“अस्पताल में पेस्ट कंट्रोल कराया गया है। दवाएँ रखी गई हैं और टीम को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं। मनोरोग विभाग में हुई घटना के बाद निगरानी और बढ़ा दी गई है।”

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