ऑनलाइन सट्टेबाजी में खुला विधायक का लॉकर,तो निकला सोने का पहाड़!
सट्टे से कमाए 2000 करोड़, ED ने की 150 करोड़ की जब्ती

कर्नाटक,एजेंसी। कर्नाटक के चित्रदुर्ग से विधायक के.सी. वीरेन्द्र पर ईडी (ED) का शिकंजा कसता जा रहा है. प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने सट्टेबाजी घोटाले से जुड़ी जांच में एक और बड़ी बरामदगी की है. एजेंसी ने तलाशी अभियान के दौरान 40 किलोग्राम सोना बरामद किया है, जिसकी कीमत करीब 50 करोड़ रुपये आंकी गई है. इसी के साथ इस मामले में अब तक जब्त की गई संपत्तियों का कुल मूल्य 150 करोड़ रुपये से अधिक पहुंच चुका है.
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, प्रवर्तन निदेशालय की बेंगलुरु ज़ोनल यूनिट ने 9 अक्टूबर 2025 को मनी लॉन्ड्रिंग निरोधक अधिनियम (PMLA) के तहत के.सी. वीरेन्द्र और अन्य के खिलाफ चल रही जांच के सिलसिले में यह कार्रवाई की है. यह मामला अवैध ऑनलाइन सट्टेबाजी के जरिए आम जनता से ठगी से जुड़ा है.
ईडी के अनुसार, चाल्लेकेरे स्थित दो लॉकरों की तलाशी के दौरान 24 कैरेट सोने की ईंटों के रूप में करीब 40 किलोग्राम सोना बरामद हुआ, जिसकी कीमत लगभग 50.33 करोड़ रुपये आंकी गई. इससे पहले भी एजेंसी ने इस मामले में 103 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्तियां जब्त की थीं, जिनमें नकदी, आभूषण, लग्जरी वाहन और बैंक अकाउंट शामिल हैं. इस तरह अब तक कुल जब्ती 150 करोड़ रुपये से अधिक की हो चुकी है.
मनी लॉन्ड्रिंग और ऑनलाइन सट्टेबाजी का जाल
ईडी की जांच में खुलासा हुआ है कि विधायक के.सी. वीरेन्द्र, उनके परिवार और सहयोगियों ने King567, Raja567 जैसे कई अवैध ऑनलाइन सट्टेबाजी वेबसाइट्स के जरिए लोगों को ठगा है. खिलाड़ियों से एकत्र की गई रकम को FonePaisa जैसे पेमेंट गेटवे और देशभर में फैले फर्जी अकाउंट के जरिए घुमाया जाता था, ताकि पैसों के सोर्स को छिपाया जा सके.जांच में यह भी सामने आया है कि यह सट्टेबाजी नेटवर्क देशभर में फैले साइबर अपराध गिरोहों से जुड़ा था, जहां मामूली पैसों के बदले लोगों के नाम पर बैंक अकाउंट खुलवाए जाते थे. अनुमान है कि वीरेन्द्र द्वारा संचालित इन वेबसाइट्स का कुल कारोबार 2000 करोड़ रुपये से अधिक का है.
अवैध कमाई से जी रहे लक्जरी लाइफ
ईडी ने पाया है कि वीरेन्द्र और उनके सहयोगियों ने इन फर्जी अकाउंट्स से विदेश यात्राओं, वीजा, होटलों और अन्य लक्जरी खर्चों के लिए करोड़ों रुपये खर्च किए. इतना ही नहीं, मार्केटिंग, बल्क एसएमएस, प्लेटफॉर्म होस्टिंग और SEO सेवाओं का भुगतान भी इन्हीं अकाउंट से किया गया है. एजेंसी का कहना है कि इन सभी खर्चों में उपयोग किया गया धन अवैध सट्टेबाजी से कमाया गया है, जिसे कई अकाउंट के जरिए घुमाकर वैध दिखाने की कोशिश की गई.







