मेडिकल अधीक्षक के बैडरूम में सोते मिले कबरबिज्जू
वनप्राणी विशेषज्ञ ने पकड़कर जंगल में छोड़ा

जबलपुर, यशभारत। नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल अस्पताल अधीक्षक के घर से दो कबरबिज्जू निकलने से हड़कंप मच गया। वनप्राणी विशेषज्ञ ने कबरबिज्जू को पकड़कर जंगल में छोड़ दिया।
जानकारी के अनुसार गढ़ा थानांतर्गत नेताजी सुभाष चन्द्र बोस मेडिकल कॉलेज अस्पताल जबलपुर के अधीक्षक डाक्टर अरविंद शर्मा के शासकीय निवास पर शुक्रवार को सुबह 6 बजे हड़कंप की स्थिति निर्मित हो गई जब उन्होंने शयन कक्ष में एक बिल्ली की तरह दिखाई देने वाला जानवर देखा इसकी सूचना उन्होंने तत्काल सर्प एवं वन्य प्राणी विशेषज्ञ गजेन्द्र दुबे को दी। जिन्होंने मौके पर पहुंचकर देखा कि यह अजीब सा जानवर कबर बिज्जू है। इसे मुर्दा खोर भी कहते हैं। ये ज्यादातर तालाबों के किनारे लंबी सी गुफाएं बनाकर रहते हैं। ये जीव सर्वाहारी होता है। रात में ज्यादा सक्रिय रहता है और। श्मशानों और कब्रिस्तान में जाकर म्रत बच्चों के शवों को खोदकर निकाल कर खा लेता है। इसीलिए इसे मुर्दाखोर कहते हैं। इसके काटने पर हाइड्रोफोबिक रैबीज का ख़तरा रहता है। फिलहाल दोनों नर मादा कबर बिज्जूओं को वन विभाग रैस्क्यू स्क्वाड प्रभारी गुलाब सिंह परिहार के निर्देश पर बरगी के जंगल में छोड़ दिया।
मुर्दा खा लेता है आलसी बिज्जू
आपको बता दें कब्र बिज्जू एक आदमखोर जानवर है और यह है इंसानों के शवों को कब्र के अंदर घुस कर खत्म कर देता है.यह अपने पुष्ट नखों से कब्र खोदकर मुर्दा खा लेता है। वनप्राणी विशेषज्ञ गजेंद्र दुबे ने बताया कि बिज्जू आलसी होता है और मंद गति से चलता है. यह सर्वभक्षी है. बिल्ली के आकार के दिखने वाले कबर बिज्जू को एशियन पाम सिविट भी कहा जाता है। इनका कहना है कि कबर बिज्जू सर्वाहारी होता है. जिसका मुख्य भोजन फल कंद मूल के साथ साथ छोटे कीट पतंगे भी होते हैं। निशाचरी होने के कारण माना जाता है कि यह कब्रों बिल्ली के आकार के दिखने वाले कबर बिज्जू को एशियन पाम सिविट भी कहा जाता है।