JABALPUR NEWS:- अधारताल एसडीएम साहब मुख्य द्वार से नहीं पीछे के दरवाजे से आने को है मजबूर
तहसीली के अवैध अतिक्रमणों पर प्रशासन ने भी मानी हार
जबलपुर यश भारत।
JABALPUR NEWS:- प्रशासन शहर को अतिक्रमण से मुक्त करवाने की लाख कोशिश करे, लेकिन अतिक्रमणकारियों के हौसले इतने बुलंद है कि वे प्रशासन को ठेंगा दिखाते हुए अपनी हदें बढ़ाने में जुटे हैं। शहर का कोई भी बाजार हो, मार्ग हो या फिर चौराहा, हर तरफ अतिक्रमणकारियों का बोलबाला है।
हद तो तब हो जाती है जब अतिक्रमण प्रशासनिक कार्यालयों के मुख्य द्वार पर ही हो जावे और प्रशासनिक अधिकारी भी वहां पर बेवस नजर आए। ऐसा ही एक नजारा आजकल अधारताल तहसील के हाट बाजार में नजर आ रहा है जहां पर अतिक्रमणकारियों द्वारा हॉट बाजार के चारों तरफ अतिक्रमण किया गया है और अतिक्रमण करते-करते मुख्य द्वार के को भी लगभग ढंक दिया गया है अर्थात आधारताल तहसील कार्यालय के अंदर जाने का मुख्य द्वार भी इन अतिक्रमणकारियों के चलते अब नहीं दिखता।
साहब के लिए भी रास्ता नहीं छोड़ा
JABALPUR NEWS:- अतिक्रमणकारियों द्वारा हाट बाजार के बाहर तो अतिक्रमण किया ही ,धीरे धीरे मुख्य द्वार के समक्ष भी रास्ता घेर रखा है। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि आम जनता तो जैसे तैसे आवागमन कर रही है परंतु मुख्य द्वार से एसडीएम और तहसीलदार के लिए निकलना बहुत कठिन हो जाता है जिसके चलते इन अधिकारियों ने अपने रास्ते ही बदल लिए है। अधिकारी वर्ग द्वारा पीछे से एक रास्ता बनवाया है और वही से आना जाना करते हैं। सूत्रों के अनुसार कभी कभी इसी समस्याओं के चलते अधिकारी जाम में भी फंस जाते थे, जिसके बाद इस वैकल्पिक व्यवस्था को अपनाया ।
दीवार से लगकर चल रहे गैराज
JABALPUR NEWS:- वहीं दूसरी तरफ हाट बाजार के अगर चारों तरफ नजरे घुमाई जाए तो तो ऐसा लगता है कि हम किसी ऑटोमोबाइल बाजार में खड़े हुए हैं क्योंकि तहसील कार्यालय के सामने कार गैराज तो हैं जो किराए की दुकानों पर संचालित हो रहे हैं परंतु 90% गैरेज तहसील कार्यालय की दीवार से लगकर चल रहे हैं इसमें की वेल्डिंग वर्क ,रिपेयरिंग सेंटर, वाशिंग सेंटर और विभिन्न प्रकार की मशीनों का उपयोग करते हुए कार्य किया जा रहा है जहां खुले में अवैध अतिक्रमण करते हुए जिस प्रकार से यह कार्य किया जा रहा है वह हाट बाजार के लिए बड़ी दुर्घटना को आमंत्रित कर रहा है।
आम जनता भी परेशान
JABALPUR NEWS:- तहसीली कार्यालय परिसर में नागरिक छोटे बड़े कामों के लिए आते हैं।यहां प्रतिदिन 500-1000 नागरिक , अधिकारी, कर्मचारी आवागमन करते है. परिसर में अनेक लोग अतिक्रमण कर अपना व्यवसाय कर रहे हैं.हाट बाजार में चाय, पानटपरी, होटल व सरकारी कामों के लिए लगनेवाली कागजात की पूर्तता करनेवाले दलालों का अड्डा बना हुआ है । जहां जनता अपनी समस्या लेकर इस कार्यालय पर पहुंचती है वहीं जनता को अपने वाहनों को खड़े करने की थोड़ी सी भी जगह नहीं मिल पाती, क्योंकि कार्यालय से लगी ये अवैध दुकानें सड़क के किनारे का हिस्सा तक नहीं छोड़ती, जिसके चलते रोज कोई न कोई वाहन दुर्घटना की बात सामने आती रहती है।