जबलपुर मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी अधिकारियों को मीडिया से परहेज: एमपी स्टूडेंट यूनियन के छात्रों से कहा अकेले में मिलो, छात्रों ने कहा ऐसा नहीं हो सकता

जबलपुर, यशभारत। मप्र आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय में संचालित हो रही गलत गतिविधियों को लेकर विरोध प्रदर्शन करने पहुंचे एमपी स्टूडेंट के छात्रों और अधिकारियों के बीच उस वक्त जमकर बहस छिड़ गई जब अधिकारियों ने मीडिया से दूरी बनाकर बात करने को कहा। छात्रों से कहा गया कि जो भी बात करनी है मीडया से दूर रहकर हो इस पर यूनियन के छात्र बिफर गए उनका कहना था कि ऐसा क्या है जो मीडिया की अनुपस्थिति में बात की जाए छात्रों ने मीडिया के बिना बात करने से इंकार करते हुए अपना ज्ञापन दीवार में चस्पा कर दिया। इसको लेकर काफी समय तक हंगामा मचा रहा।

एमपी स्टूडेंट यूनियन अभिषेक पांडे ने बताया कि मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी में भ्रष्टाचार हावी है और यह उजागर न हो इसलिए अधिकारी चाहते हैं कि अकेले में बात करो, मीडिया से सभी को परहेज हो रहा है। लेकिन छात्र संगठन ने उनकी मांग को ठुकरा दिया जो भी बात होगी मीडिया के सामने होगी, छात्र संगठन हितों की लड़ाई लड़ रहा है इसमें मीडिया की सहभागिता न हो ऐसा कभी नहीं हो सकता है। एमयू को हो रही आय का न तो हिसाब रखा जा रहा था न हीं बैंकों में जमा अरबो रुपए की राशि की एफडी कराई जा रही थी। जो एफडी चल रहीं हैं उनके नवीनीकरण न कराकर एमयू के वित्त नियंत्रक के साथ प्रबंधन पर कुछ बैंका प्रबंधकों से मिलीभगत कर शासन को करोड़ो रुपए की क्षति कराते हुए निजी लाभ अर्जित करने के गंभीर आरोप लगे हैं।
लापरवाही और गड़बडिय़ों का आलम यह था कि वर्ष 2017 से अब तक एमयू में ऑडिट ही नहीं कराया गया था। हालहीं में हुए एक ऑडिट में भयंकर गड़बडिय़ां सामने आने के बाद एमयू प्रबंधन आनन फानन में मामले में लीपापोती में जुट गया है। गड़बड़ी सामने आने के बाद इसमें कथित तौर पर वित्त नियंत्रक की संलिप्ता उजागर होने पर एमयू प्रबंधन जहाँ मामले में लीपापोती में जुट गया वहीं एमयू के कार्यपरिषद सदस्यों (ईसी मेंबर्स) ने इस पर खासी नाराजगी जाहिर करते हुए आर्थिक अनियमितता की जांच एजेंसियों से जांच कराने के साथ ही इसके के लिए जिम्मेदार अधिकारी/कर्मचारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की अनुशंसा करने की बात कही है।
विवि को करोड़ों की हानी, जिम्मेदारों पर कार्रवाई हो
छात्र संगठन ने विवि में विरोध प्रदर्शन करते हुए राज्यपाल के नाम कुलपति को ज्ञापन दिया जिसमें कहा गया कि मध्य प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय, जबलपुर में 1,20,00,00,000.00 (एक अरब बीस करोड) की को समय पर पुनर्निवेश (Reinvestment) नहीं करने एवं लगभग 60,00,00,000.00 (साठ करोड) की परीक्षा शुल्क एवं संबद्धता शुल्क से प्राप्त आय (Income) को बैंक के खाते में बिना FDR किए जमा रहने देने के कारण विश्वविद्यालय को ब्याज प्राप्ति के मद में करोड़ों रुपए की हानि पहुंचाने के दोषी अधिकारियों पर तत्काल कार्रवाई की जाए।