हिमाचल में अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव में रात को देवी-देवताओं के लिए बनाए पंडाल में भीषण आग भड़क गई। इससे देवी-देवताओं के आठ टेंट सहित और पांच दुकानें जलकर खाक हो गईं। आग बुझाने के दौरान दो व्यक्ति भी झुलस गए।
घायलों को कुल्लू के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है। आग की वजह से लाखों रुपए के नुकसान का अनुमान है। कुछ देवी-देवताओं के सोने व चांदी के आभूषण भी जलने की खबर है। घटना देर रात करीब 3 की है। आग लगने की वजह अब तक सामने नहीं आई है।
आग जैसे ही लगी टेंट में मौजूद लोग जान बचाने के लिए बाहर भागे। इस दौरान ढालपुर मैदान में अफरा-तफरी का माहौल बन गया। घटना की सूचना मिलते ही दमकल विभाग मौके पर पहुंचा और सुबह 4.30 बजे तक आग पर पूरी तरह काबू पाया जा सका। हादसे में लाखों रुपए के नुकसान का अनुमान जताया गया है।
देवी-देवताओं का कीमती सामान जलकर राख
देवी-देवताओं के साथ देवलुओं के सोने को बनाए गए टेंट भी जल गए हैं। इसके अलावा देवी देवताओं की चांदी, लकड़ी की अर्लगलाएं, दानपात्र, ढोल, नगाड़े, नरसिंगे, ट्रंक सहित अन्य सामान जलकर राख हो गया है। स्थानीय प्रशासन, पुलिस और दमकल विभाग आग से हुए नुकसान का आकलन करने में जुट गया है।
देवी-देवताओं के रथ सुरक्षित बाहर निकाले
देवी-देवताओं के टेंट के साथ पार्क एक कार भी जल गई है। कारकूनों और पुलिस जवानों ने देवी देवताओं के देव रथों को कड़ी मशक्कत के साथ टेंट से बाहर निकाल दिया। सभी देव रथ आग से बचा लिए गए। अब जिन देवी-देवताओं के टेंट जल गए हैं, उन्हें अभी कोर्ट परिसर में खुले आसमान के नीचे रखा रखा है।
कुल्लू मेले में आग की पहली घटना
कुल्लू दशहरा के इतिहास में पहली बार अठारह करडू की सौह में देवी देवताओं के अस्थाई शिविरों में आगजनी की घटना हुई है। कुछ पुलिस कर्मियों को भी आग बुझाते हल्की चोटें आई है। पुलिस ने एरिया को सील कर दिया है। आग के कारणों का पता लगाया जा रहा है।