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 देश के पहले टॉप-5 पायलट,एयरफोर्स डे पर जानें कौन थे 

1932 में आज ही के दिन हुई थी भारतीय वायुसेना का स्थापना

 देश के पहले टॉप-5 पायलट,एयरफोर्स डे पर जानें कौन थे 

नई दिल्ली: भारतीय वायुसेना देश का गर्व है। IAF क्या कर सकती है ये हमने हाल में पाकिस्तान के खिलाफ चलाए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान देखा। राफेल, सुखोई और ब्रह्मोस यूनिट ने आतंकियों के गढ़ पाकिस्तान में ऐसी चोट पहुंचाई जिसे वो कभी भूल नहीं पाएंगे। आज भारतीय वायुसेना का 93वां स्थापना दिवस है। इस खास मौके पर गाजियाबाद के हिंडन एयर फोर्स स्टेशन पर मुख्य परेड के साथ कई कार्यक्रम आयोजित किए गए। इस दौरान चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ, वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल ए.पी. सिंह समेत सेना और वायुसेना के बड़े अधिकारी शामिल हुए। परेड में वायुसेना की ताकत, अनुशासन, और आत्मनिर्भरता नजर आई। इस खास मौके पर एक नजर भारतीय वायुसेना के इतिहास पर, जानिए कौन थे पहले पांच भारतीय पायलट जिन्हें कमीशन दिया गया।

1932 में आज ही के दिन हुई थी भारतीय वायुसेना का स्थापना

1932 में आज ही के दिन हुई थी भारतीय वायुसेना का स्थापना

साहस और वीरता का पर्याय भारतीय वायुसेना की स्थापना 8 अक्टूबर 1932 में हुई थी। उस समय इसे ‘रॉयल इंडियन एयरफोर्स’ के नाम से जाना जाता था। आजादी के बाद इसे ‘भारतीय वायुसेना’ के नाम से जाना जाने लगा। स्थापना के समय से ही देश की सुरक्षा में वायुसेना का बेहद अहम योगदान रहा है। कई महत्वपूर्ण ऑपरेशनों में वायुसेना की अहम भूमिका रही है। वायुसेना ने वैश्विक शांति के लिए भी संयुक्त राष्ट्र के साथ मिलकर काम किया है।

कौन थे देश के पहले टॉप-5 पायलट

भारतीय वायु सेना में पहले पांच पायलटों को 1932 में रॉयल एयर फोर्स कॉलेज, क्रैनवेल से पायलट ऑफिसर के तौर पर कमीशन मिला था। ऐसा इसलिए क्योंकि इन पायलटों ने यूनाइटेड किंगडम के रॉयल एयर फोर्स कॉलेज, क्रैनवेल में अपनी उड़ान ट्रेनिंग पूरी की थी। यह कॉलेज पायलटों को हवाई जहाज उड़ाने की ट्रेनिंग देता था। ‘रॉयल इंडियन एयरफोर्स’ के पहले पायलटों के नाम थे- हरीश चंद्र सरकार, सुब्रतो मुखर्जी, भूपेंद्र सिंह, ऐजाद बख्श अवान और अमरजीत सिंह। बाद में सुब्रतो मुखर्जी भारतीय वायु सेना के पहले चीफ ऑफ द एयर स्टाफ बने।

सुब्रतो मुखर्जी : भारतीय वायु सेना के पहले चीफ ऑफ द एयर स्टाफ

सुब्रतो मुखर्जी : भारतीय वायु सेना के पहले चीफ ऑफ द एयर स्टाफ

आजाद भारत में भारतीय वायुसेना का पहला प्रमुख बनने का खास स्थान एयर मार्शल सुब्रतो मुखर्जी को हासिल है। पहले वह रॉयल एयर फोर्स में शामिल हुए थे और बाद में भारतीय वायुसेना के पहले अधिकारियों में शामिल थे। 1 अप्रैल, 1954 को ही वह भारतीय वायुसेना के पहले प्रमुख बनाए गए थे। उन्होंने भारतीय वायुसेना को दुनिया की ताकतवर वायुसेना बनाने में अहम भूमिका निभाई।
सुब्रतो मुखर्जी का जन्म 5 मार्च, 1911 को बंगाल के एक प्रमुख परिवार में हुआ। 1952 में वह अडवांस्ड ट्रेनिंग के लिए यूके स्थित इंपीरियल डिफेंस कॉलेज गए। 1954 में वह वहां से लौटे और भारतीय वायुसेना के कमांडर-इन-चीफ का प्रभार संभाला, फिर उनको एयर मार्शल की रैंक प्रदान की गई। बाद में कमांडर-इन-चीफ पद भारतीय वायुसेना में चीफ ऑफ द एयर स्टाफ पद हो गया।

हरीश चंद्र सरकार को 1932 में मिला था IAF में कमीशन

हरीश चंद्र सरकार को 1932 में मिला था IAF में कमीशन

हरीश चंद्र सरकार पहले भारतीय थे जिन्हें IAF में कमीशन मिला था। 8 अक्टूबर 1932 को भारतीय वायुसेना में कमीशन प्राप्त करने वाले वो पहले और सबसे वरिष्ठ अधिकारी थे। हरीश चंद्र सरकार एक सुसंस्कृत और कुलीन बंगाली परिवार से थे। बचपन से ही उन्हें कुछ अलग कर गुजरने का जुनून था। जैसे ही उन्हें मौका मिला तो अपनी तत्परता से भारतीय वायुसेना में भर्ती हो गए। अपनी बुद्धिमानी और पुष्ट शरीर के कारण, उन्होंने अपनी टीम के साथियों पर गहरी छाप छोड़ी। हालांकि, मार्च 1935 में उन्हें सेवा से बर्खास्त कर दिया गया। किसी अधिकारी पर ऐसे एक्शन का रिकॉर्ड भी उन्हीं के नाम दर्ज हो गया।
भूपेंद्र सिंह : सितंबर 1933 में हवाई हादसे में गंवाई जान

भूपेंद्र सिंह : सितंबर 1933 में हवाई हादसे में गंवाई जान

भारतीय एयरफोर्स अधिकारियों में से एक, भूपेंद्र सिंह अपनी साहसिक भावना के लिए जाने जाते थे। उनके पास विमान के उड़ान का कौशल था। उन्होंने क्रेनवेल में ट्रेनिंग के दौरान भी कुछ ऐसा किया जिससे हर कोई चौंक गया। उन्होंने एक बार एटलस विमान को घुमाकर अपने साथी प्रशिक्षु को भयभीत कर दिया था। उन्होंने बॉर्डर का परीक्षण जारी रखा, विमान को घुमाने और जोखिम भरे युद्धाभ्यासों से हर किसी को चौंका दिया। 14,000 फीट की ऊंचाई पर प्लेन को घूमाना और बहुत कम ऊंचाई पर उड़ान भरने जैसे उनके कारनामों ने उनके कौशल और साहसी स्वभाव को प्रदर्शित किया। हालांकि, सितंबर 1933 में एक हवाई हादसे में उनकी जान चली गई।

स्क्वॉर्डन लीडर ऐजाद बख्श अवान

स्क्वॉर्डन लीडर ऐजाद बख्श अवान

स्क्वॉर्डन लीडर ऐजाद बख्श अवान रॉयल एयर फोर्स टीम में शामिल एक महत्वपूर्ण अधिकारी थे। उन्होंने अफगान वायु सेना के कैडेटों को प्रशिक्षित किया। उनका जन्म 9 जुलाई 1910 को हुआ। उन्हें 8 अक्टूबर 1932 को कमीसन किया गया। 12 सितंबर 1944 को उन्होंने एयरफोर्स छोड़ दी। उनका निक नाम जैदी था।

पायलट ऑफिसर अमरजीत सिंह

पायलट ऑफिसर अमरजीत सिंह

अमरजीत सिंह भी सितंबर 1933 में उसी हवाई दुर्घटना में मारे गए थे जिसमें भूपेंद्र सिंह की मौत हुई थी। अमरजीत सिंह को रॉयल भारतीय वायु सेना की स्थापना होने पर 8 अक्टूबर 1932 को कमीशन मिला था। उनका जन्म 2 अगस्त 1911 को हुआ। महज 22 साल की उम्र में उनकी मौत हो गई। एक एयर एक्सीडेंट में उनकी जान गई। वो एयरफोर्स में पायलट ऑफिसर रैंक पर थे।

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