EVM में जीती भाजपा तो डाक मतपत्र में कांग्रेस ने मारी बाजी
जबलपुर यश भारत। विधानसभा चुनाव के नतीजे सामने आने के बाद अब नतीजों की समीक्षा हो रही है। हर दल राजनीतिक अपनी जीत और हार के कारण की तलाश में है। किस बूथ में या किस क्षेत्र में कितने मत मिले हैं उनके उद्धरणों की समीक्षा हो रही है। ऐसे में सबसे ज्यादा बात हो रही है डाक मतपत्र की जहां जिले की सभी 8 विधानसभाओं में कांग्रेस को बीजेपी से ज्यादा वोट मिले हैं। वहीं प्रचंड की जीत के बाद भी बीजेपी पोस्ट मत निर्माताओं की संख्या पीछे दिखाई दे रही है। जिले में पड़े कुल 11532 डाक मत पत्र में से कांग्रेस को एक ओर जहां 6781 वोट मिले हैं वहीं भाजपा को 4751 वोट से ही संतोष करना पड़ा है। ऐसे में जिलों की आठ फ्रेंचाइजी को देखें तो 2030 में बीजेपी कांग्रेस से पोस्ट मैट वोटर्स की हार हुई है।
पुरानी पेंशन पेंशन का कारण
एक ओर जहां भारतीय जनता पार्टी जबलपुर जिले की 8 में से 7 सीटों पर टिकी हुई है वहीं डाक मतपत्र में 8 में से 8 सीटों पर हार हुई है। इसका कारण पुरानी पेंशन स्कीज़न जारी है। श्रेणी-लेकर सरकारी कर्मचारियों में सरकार के प्रति प्रतिशत हिस्सेदारी थी और डाक मैट पत्र में सबसे अधिक संख्या सरकारी कर्मचारियों की है। जो सरकारी काम में लगे के कारण अपने बूथ पर फ्रैंचाइज़ी का प्रयोग नहीं कर पाते हैं। ऐसे में वे वेलेट की व्यवस्था के लिए पोस्ट करते हैं। ये मन कर चला जा रहा है कि सरकारी कर्मचारियों के एक बड़े तबके ने बीजेपी के पक्ष में मतदान किया है। यह प्रयास चल रहा था कि लगभग 90% सरकारी कर्मचारी सरकार के खिलाफ जाएंगे लेकिन डाक मतपत्र में भाजपा के सभी 8 समर्थकों को वोट मिले हैं।
उदाहरण के लिए अधिकार भी मिला हुआ था
डाक मतपत्र को लेकर पहले सिर्फ सरकारी कर्मचारियों को सुविधा दी गई थी लेकिन चुनाव आयोग द्वारा निशक्त और बुजुर्ग लोगों के मत प्रतिशत को बढ़ाने के लिए इस बार चुनाव के कुछ दिन पहले मतदान केंद्र तक आने वाले अखाड़ों के लोगों को भी डाक मतपत्र की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी किया था. इसमें कहा जा रहा है कि सरकारी कर्मचारियों के अलावा इस वोट में कुछ वोट बुजुर्ग और आसक्त लोग भी हैं। लेकिन प्रत्येक विधानसभा में उनकी संख्या न के बराबर थी। ऐसे में उनका प्रभाव नगण्य माना जा रहा है।
दिलचस्प है ये पात्र
एक ओर जहां सिहोरा विधानसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी को जिलों में सबसे बड़ी जीत हासिल हुई है वही पोस्ट मत बल्लेबाजों की बात करें तो यहां से भाजपा को सबसे बड़ी जीत भी हासिल हुई है। सिहोरा में कांग्रेस को 845 वोट मिले वहीं बीजेपी को 440 वोट मिले ऐसे में कांग्रेस पोस्ट मतपत्र में इस सीट से 405 वोट मिले जीत में सफल रही। इसी तरह पाटन से कांग्रेस के पोस्ट मतपत्र में 329 वोट से मुख्यमंत्री और उनके बाद तीसरे नंबर पर 301 वोट से जीत पश्चिम विधानसभा में कांग्रेस के डाक मतपत्र में रही।