
नई दिल्ली, एजेंसी । भारत में डिजिटल कनेक्टिविटी के क्षेत्र में एक बड़ा बदलाव आने वाला है। अब देश के दूर-दराज के गांवों और दुर्गम पहाड़ी इलाकों तक भी तेज गति का इंटरनेट उपलब्ध हो सकेगा, और वह भी बिना मोबाइल टावर के। एलन मस्क की सैटेलाइट इंटरनेट कंपनी स्टारलिंक (Starlink) को भारत सरकार से सैटेलाइट इंटरनेट सेवा (सैटकॉम) प्रदान करने की बहुप्रतीक्षित मंजूरी मिल गई है।
भारतीय दूरसंचार विभाग (DoT) ने स्टारलिंक को यह विशेष लाइसेंस प्रदान किया है। इस मंजूरी के साथ, स्टारलिंक भारत में ऐसी तीसरी कंपनी बन गई है जिसे यह लाइसेंस प्राप्त हुआ है। इससे पहले वनवेब (OneWeb) और जियो सैटेलाइट कम्युनिकेशंस (Jio Satellite Communications) को यह अनुमति मिल चुकी है।
जल्द शुरू होगा ट्रायल, तेजी से मिलेगी स्पेक्ट्रम मंजूरी
सरकारी अधिकारियों ने बताया कि स्टारलिंक जब ट्रायल स्पेक्ट्रम के लिए आवेदन करेगी, तो उसे 15 से 20 दिनों के भीतर ही परीक्षण स्पेक्ट्रम भी आवंटित कर दिया जाएगा। यह संकेत देता है कि स्टारलिंक जल्द ही भारत में अपनी सेवाएं शुरू कर सकती है। स्टारलिंक की सेवा सैटेलाइट के माध्यम से इंटरनेट प्रदान करती है, जिससे दुर्गम क्षेत्रों, चाहे वे पहाड़ हों या घने जंगल, में भी आसानी से इंटरनेट पहुंचाया जा सकता है। यह तकनीक उन स्थानों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद है जहां मोबाइल टावर स्थापित करना चुनौतीपूर्ण या अव्यावहारिक होता है।
लंबे समय से था भारत में लाइसेंस का इंतजार
स्टारलिंक साल 2022 से ही भारत में इंटरनेट सेवा प्रदान करने के लिए लाइसेंस का इंतजार कर रही थी। अब सरकार की मंजूरी मिलने से कंपनी को बड़ा फायदा होगा। इस साल मार्च में, भारत की प्रमुख दूरसंचार कंपनी एयरटेल ने अमेरिका की स्पेसएक्स (जो स्टारलिंक की मूल कंपनी है) के साथ एक समझौता किया था। एयरटेल ने तब कहा था कि अगर स्टारलिंक को भारत में काम करने की अनुमति मिलती है, तो वह उनकी सेवाएं भारत में उपलब्ध कराएगी। अब मंजूरी मिल गई है, तो एयरटेल और स्टारलिंक मिलकर भारत में सैटेलाइट इंटरनेट सेवा शुरू कर सकते हैं।
एयरटेल और जियो भी स्टारलिंक के साथ जुड़े
एयरटेल के बाद भारत की एक और बड़ी दूरसंचार कंपनी रिलायंस जियो ने भी स्टारलिंक के साथ साझेदारी की थी। जियो भी भारत में स्टारलिंक की सैटेलाइट इंटरनेट सेवा को लाने के लिए तैयारी कर रहा है। सरकार से हरी झंडी मिलने के बाद, यह सेवा जल्द ही देश के कई हिस्सों में शुरू की जा सकती है। स्टारलिंक की यह सैटेलाइट टेक्नोलॉजी भारत को डिजिटल रूप से और मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी और ‘डिजिटल इंडिया’ के सपने को साकार करने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगी।