बड़ी खबर : DPI के आदेश से प्रदेश के 15 हजार अतिथि शिक्षक हो गए बेरोजगार, 10 साल सेवाएं देने के बाद भी सुनवाई नहीं

भोपाल| प्रदेश के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी पूरी करने के लिए अतिथि शिक्षकों की हर साल भर्ती की जाती है। हजारों शिक्षक पिछले 10 से 15 साल से सरकारी स्कूलों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इस वर्ष डीपीआई के एक आदेश ने करीब 15000 अतिथि शिक्षकों को बेरोजगार कर दिया है।
दरअसल शिक्षा विभाग ने इस वर्ष अतिथि शिक्षकों की भर्ती में 30 फ़ीसदी से कम रिजल्ट लाने वाले अतिथि शिक्षकों को दोबारा नौकरी पर नहीं रखने का आदेश जारी किया है। गौरतलब है कि इस समय प्रदेश के स्कूलों में अतिथि शिक्षकों की भर्ती की जा रही है। दूसरों की गलती से हो गए बेरोजगार खास बात यह है कि डीपीआई के इस आदेश से कई ऐसे शिक्षक भी बेरोजगार हो रहे हैं जिसमें उनकी गलती नहीं है। दरअसल कई बार सरकारी स्कूलों में अतिथि शिक्षकों से वह विषय भी पढ़वाया जाता है जो उनका सब्जेक्ट नहीं है। कई अतिथि शिक्षक आखिरी के एक-दो महीने सब्जेक्ट पढ़ाते हैे। कुछ स्कूलों में बच्चे आते ही नहीं है और वे फैल हो जाते हैं। खराब रिजल्ट आने पर अतिथि शिक्षकों को जिम्मेदार बता दिया जाता है।
इस तरह से उनकी गलती नहीं होने पर भी उन्हें दोबारा मौका नहीं दिया जा रहा है। जबकि वहीं नियमित शिक्षकों पर यह नियम लागू नहीं है उन्हें इस प्रकार का कोई दंड नहीं दिया जा रहा है। ना ही उन पर कोई कानूनी कार्रवाई की जा रही है। अतिथि शिक्षकों का कहना है कि अगर सरकार पिछले सालों का भी रिजल्ट देखें या कम से कम 2 साल का रिजल्ट देखकर यह नियम लागू करें तो उन्हें कोई दिक्कत नहीं होगी।