खाद्य तेलों व दालों ने एक बार फिर आम आदमी की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। आलम यह है कि बीते महीनों में खाद्य तेलों के दामों में हुई गिरावट के बाद एक बार फिर खाद्य तेलों के दाम बढ़े हैं, तो वहीं इसके साथ ही बीते एक महीने में दालों में भी महंगी हुई है। जिसके तहत एक महीने में खाद्य तेलों के दाम 20 फीसदी तो दालों के दामों में 10 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के फुटकर बाजारों में दालों के भाव नई ऊंचाईयों पर हैं। जिसमें राजमा के दाम सबसे अधिक बढ़े हैं। पूर्वी दिल्ली के ईस्ट विनोद नगर के किराना व्यापारी दिनेश सिंघल के मुताबिक बीते एक महीने में राजमा के दामों में सबसे अधिक बढ़े हैं। जिसके तहत राजमा प्रतिकिलो 20 रुपए तक बढ़े हैं। जबकि अन्य दालों के दामों में 5 से 10 रुपए तक की बढ़ोतरी हुई है।
खाद्य तेलों के दामों में 5 से 20 रुपए तक की बढ़ोेतरी
दालों के दामों के साथ ही दिल्ली के फुटकर बाजारों में खाद्य तेलों के दामों में भी 5 से 20 रुपए तक की बढ़ोतरी हुई है। शाहदरा के बड़ा बाजार के किराना व्यापारी मुकेश गोयल के मुताबिक खाद्य तेलों के दामों में हुई बढ़ोतरी के तहत बीते महीने की तुलना में रिफाइंड के दाम 5 रुपए प्रतिलीटर तक बढ़े हैं। जबकि सरसों तेल के दाम 20 रुपए तक बढ़े हैं। खाद्य तेलों के दामों में हुई बढ़ोतरी को लेकर खाद्य तेलों के थोक व्यापारी व भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के महासचिव हेमंत गुप्ता कहते हैं कि दालों के दामों में जो भी बढ़ोतरी हुई है, उसके पीछे अंतरराष्ट्रीय बाजारों में जाीर उठा-पटक जिम्मेदार है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में खाद्य तेलों के दामों में बीते महीने बढ़ोतरी हुई है। इस वजह से खाद्य तेलों के दिल्ली में ही थोक के भाव 15 से 20 रुपए तक बढ़े हैं।
दिल्ली ग्रेन मर्चेंट एसासिएशन उपाध्यक्ष गौरव गुप्ता ने बताया कि सरकार ने दालों के एमएसपी में बीते महीने बढ़ोतरी की थी। अभी तक दालों के भाव एमएसपी से नीचे चल रहे थे। बीते महीने में दालों में हुई बढ़ोतरी एमएसपी के अनुपात में हुई है। जो सामान्य बढ़ोतरी है।
खाद्य प्रदार्थ – 20 अगस्त के भाव – 20 जुलाई के भाव
तेल – 165 – 145 – सरसोंरिफाइण्ड – 155 – 150
अरहर – 100 – 110
मलका – 85 – 90
चना – 70 – 75
उड़द – 95 -100
राजमा – 125 – 145
लोबिया – 70 – 100
काला चना / 70 – 75
चीनी – 36- 40
नोएडा : खाद्य पदार्थों और तेलों में गत वर्षों के मुकाबले औसतन 40 फीसदी तक उछाल
गत वर्ष लॉकडाउन के बाद अगस्त माह के मुुकाबले इस वर्ष बााजार में बहुत तेजी है। खाद्य वस्तुओं और खाद्य तेलों के दामों में मौजूदा अगस्त में 30 से 40 फीसदी तक उछाल आया है। जबकि गत जुलाई माह के मुकाबले अगस्त में सभी प्रकार के दलहन और तेलों के दामों में10 रुपये प्रति किलो तक महंगाई बढ़ी है।
आवश्यक वस्तुओं पर महंगाई की मार से आम व मध्यम परिवार बेहाल हैं। उनके लिए परिवार चलाना मुश्किल हो गया है। घंटाघर और किराना मंडी के थोक बाजार से कालोनियों और सोसाइटियों के बाजार में यही सामान पांच से दस रुपये तक महंगी हो जाती है। बाजार के जानकारों का कहना है कि बीते वर्ष 2020 में कोरोना महामारी के बचाव के लिए किए लॉक डाउन के बाद बाजार में खाद्य वस्तुओं के दाम गिरे थे। वहीं, महामारी के दूसरे चरण में दाम काफी उछाल पर है। इससे बाजार प्रभावित हो रहा है।
खाद्य वस्तुओं कें थोक कारोबारी संदीप बंसल का कहना है कि बड़े थोक कारोबारियों के कालाबाजारी और लॉॅक डाउन के कारण बाजार में उतार-चढ़ाव से यह महंगाई है। वहीं, खाद्य तेलों के थोक कारोबारी अजय शर्मा का मानना है कि रिफाइंड का आयात विदेश से होता है। लॉक डाउन से निर्यात कारोबार प्रभावित हो गया था। हाल में सरकार ने सोयावीन पर आयात शुल्क घटा दिए हैं। इससे रिफाइंड के दाम टूटने के आसार हैं।
वस्तु अगस्त 21 जुलाई 21 अगस्त 20
अरहर दाल 110 100 90
चना दाल 75 65 60
राजमा 150 150 100
काली मसूर 90 85 62
रिफाइंड 160 145 100
सरसों तेल 180 170 110
( सभी दाम घंटाघर किराना बाजार की है।)