स्टाइपेंड की राशि बढ़ाने की मांग को लेकर बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज के इन्टर्न डॉक्टर गए हड़ताल पर
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सागर यश भारत (संभागीय ब्यूरो)/ बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज के 2019 बैच के इन्टर्न डॉक्टर स्टाइपेंड की राशि बढ़ाने की मांग को लेकर आज से हड़ताल पर चले गए हैं। मांग पूरी नहीं होने पर उन्होंने काम पर वापस नहीं लौटने का भी ऐलान कर दिया है। इस हड़ताल से मेडिकल कॉलेज में भर्ती मरीजों की चिकित्सा सुविधाएं बिगड़ सकती हैं।
बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज के 2019 बैच के इन्टर्न डॉक्टर का कहना है कि वे लोग 01 अप्रैल से बिना किसी छुट्टी के लगातार काम करते आ रहें हैं। इन्हे 6 घंटे की रेगुलर ड्यूटी के साथ नाइट ड्यूटी में भी काम करना होता है। जिसके एवज में उन्हें 13409/- रुपए मासिक का स्टाइपेंड प्रदान किया जाता है जो इनकी दैनिक आवश्यकताओं के लिए बहुत कम है। इसके साथ ही पढ़ाई पूरी करने के बाद अब इनके परिवारों की उम्मीदें भी जुड़ गई है। पर इतनी कम धनराशि में इनका खुद का महीने का खर्चा भी पूरा नहीं हो पाता ऐसे में परिवार को पैसे कैसे भेंज सकेंगे।
इन्टर्न डॉक्टर्स ने कहा है कि उन्होंने 4.5 वर्ष बहुत मेहनत से एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी की है। जिसकी फीस 1 लाख रुपयों के हिसाब से 4.5 लाख थी जो अन्य राज्यों की तुलना में काफी ज्यादा है। ऐसे में
सरकार से हमारा अनुरोध है कि हमारा स्टाइपेंड बढ़ा कर 30,000 रुपए प्रतिमाह कर नियमित रूप से स्टाइपेंड प्रदान किया जाए। अन्यथा की स्थिति में हम काम पर वापस नहीं जायेंगे।
इन्टर्न डॉक्टर्स ने बताया कि प्रदेश के मेडिकल कॉलेजेस के डीन के माध्यम से स्वास्थ्य मंत्री जी को इस मांग के बाबत पत्र भेजा गया था। लेकिनउसका जवाब न आने पर पिछले दिनों स्वास्थ मंत्री से उनके आवास पर मुलाकात की थी और उनके द्वारा इस संबंध में आश्वासन भी दिया गया था। लेकीन दिन की अवधि बीत जाने के बाद भी अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है। इन्टर्न डॉक्टर्स ने सरकार पर अनदेखी का आरोप लगाते हुए कहा है कि विभिन्न माध्यमों से अपनी बात रखने की कोशिश के बाद अब हमारे पास कोई अन्य विकल्प बचा नही है। इसलिए हमे काम छोड़कर धरने पर बैठना पड़ रहा है। हमारी मांग जब तक पूरी नहीं होगी हम काम पर वापस नहीं जायेंगे।