
जबलपुर, यशभारत। वरिष्ठ अधिवक्ता, कांग्रेस नेता विवेक कृष्ण तन्खा ने ओबीसी आरक्षण को लेकर मप्र सरकार को घेरा है। कांग्रेस नेता ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करना चाहिए, सरकार कोर्ट के फैसले को समझ नहीं पा रही है। विवेक तन्खा ने कहा कि मप्र सरकार के पास अच्छे सलाहकार नहीं है इसलिए ऐसी स्थिति बनी हुई हैं।
कांग्रेस नेता विवेक तन्खा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा मध्य प्रदेश में बिना ओबीसी आरक्षण के पंचायत चुनाव कराए जाने का जो फैसला सुनाया गया है, उसके खिलाफ रिव्यू की गुंजाइश बहुत कम है। उन्होंने साफ किया कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में किसी महत्वपूर्ण प्राविधान को छोड़ा नहीं है। लिहाज़ा, उसका रिव्यू किये जाने की मांग का ठोस आधार मौजूद नहीं है। सुप्रीम कोर्ट की नजीर आर ट्रिपल टेस्ट के मापदंड के अनुरूप है। समय रहते यदि मध्य प्रदेश सरकार निधाज़्रित कदम उठा लेती तो ये स्थिति ओबोसी आरक्षण को लेकर नही बनती। किंतु ऐसा लगता है कि कानून को समझने में सरकार अक्षम है। उसके विधिक सलाहकार भी सही मार्गदर्शन देने में पीछे नजऱ आ रहे हैं। वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का बयान आया है कि ओबीसी आरक्षण के बिना पंचायत चुनाव के फैसले को अध्ययन के बाद रिव्यू के जरिये चुनौती देंगे। बहरहाल, ये देखने लायक बात होगी कि रिव्यू सुनी जाएगी होगी या नहीं।
मैं शुरू से कर रहा था मध्य प्रदेश सरकार को आगाह
राज्यसभा सांसद और वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तंखा ने कहा कि मैं शुरू से ही राज्य सरकार को आगाह कर रहा था पर सरकार और दौरान मेरी बात सुनने की जगह मुझे गालियां दे रही थी उन्हें बताया कि महाराष्ट्र राज्य में सुप्रीम कोटज़् का जजमेंट आ चुका है और उसी निर्णय को मध्यप्रदेश में भी लागू किया जाएगा,यह स्थिति जरूर बनेगी और इसके लिए राज्य सरकार ही जिम्मेदार है, विवेक तंखा ने कहा कि मध्य प्रदेश में 15 साल से जो ओबीसी मुख्यमंत्री बैठे हुए है उनसे 2010 से सुप्रीम कोर्ट बोल रही है कि ट्रिपल टेस्ट के माध्य्म से ही लिस्ट बनेगी पर राज्य सरकार विवेक तनखा की बात मनाने की जगह विवेक तनखा का प्रोटेस्ट कर रही थी।
पंचायत चुनाव रोकने लाया गया विधेयक था गलत
वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तंखा ने कहा कि मैं लगातार राज्य सरकार को आगाह कर रहा था कि वह सुप्रीम कोटज़् के निर्णय पर ध्यान दें और जो विधेयक उन्होंने पंचायत चुनाव को रोकने लाया था वह सही नही है क्यो अपना समय बर्बाद कर रहे हो जो डिलीमेटेशन हो चुका है उसी पर चुनाव करवाए जो आज सुप्रीम कोर्ट का आदेश भी आया है।