अप्रैल में होने वाले केंट बोर्ड चुनाव अभी फिलहाल होंगे निरस्त!
रक्षा मंत्री ने मतदाताओं के नाम वोटिंग लिस्ट में जोड़े जाने वाली फाइल में किया साइन

करीब 24 हजार मतदाताओं और कांग्रेस के प्रयास की हुई जीत
जबलपुर। केंट बोर्ड क्षेत्र के अंतर्गत बगीचा बंगलों में रहने वाले और करौंदी बस्ती के रहवासियों के लिए एक खुशखबरी सामने आई है। जिसमें अप्रैल माह में होने वाले केंट बोर्ड चुनाव फिलहाल अभी कैंसिल कर दिया गया है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार रक्षा मंत्रालय में रक्षा मंत्री ने उस फाइल पर साइन कर दिया है जिस फाइल को केंट बोर्ड प्रशासन ने रक्षा मंत्रालय भेजा था। बगीचा बंगलों में रहने वाले हजारों मतदाताओं के नाम वोटिंग लिस्ट में जोड़ने की मांग को इस फाइल में कैद करके रक्षा मंत्रालय भेजा गया था। जहां नाम जोड़ने की प्रकिया पर मंत्रालय ने विचार किया है और अभी चुनाव निरस्त कर दिए हैं। इसका नोटिफिकेशन केंट बोर्ड प्रशासन जबलपुर के पास बहुत जल्द आने वाला है।
150 एकड़ जमीन पर रह रहे हैं 24 हजार मतदाता
जानकारी के अनुसार छावनी के करीब 35 बगीचा बंगलों वाला क्षेत्र 150 एकड़ भूमि पर बना हुआ था जहां हजारों मतदाता निवास कर रहे हैं। इसके साथ ही वार्ड क्रमांक 7 करौंदी में भी करीब 5 हजार वोटर पिछले कई सालों से निवास कर रहे हैं। इन सभी जगहों पर केेंट क्षेत्र के करीब 24 हजार मतदाता अभी निवासी कर रहे हैं।
पूर्व उपाध्यक्ष-पार्षद लड़ रहे थे लंबे समय से लड़ाई
विदित हो कि पिछले लंबे समय से वार्ड नंबर 5 के पार्षद और केंट बोर्ड के पूर्व उपाध्यक्ष अभिषेक चिंटू चौकसे बगीचा बंगलों में रहने वाले हजारों मतदाताओं को वोट डालने का उनका हक दिलाने जमीनी स्तर पर लड़ाई कर रहे थे। कुछ समय पहले भी केंट बोर्ड कार्यालय के पास मतदाताओंं का नाम वोटर लिस्ट में जोड़े जाने की मांग को लेकर केंट कांग्रेस पार्षद ने कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर आवाज उठाई थी।
भाजपा के पूर्व पार्षद ने भी किया था आंदोलन
इसके अलावा वार्ड नंबर 7 के भाजपा पूर्व पार्षद गोविंद यादव ने भी एक दिन पहले केंट बोर्ड प्रशासन और तहसीलदार से मांग की थी कि करौंदी क्षेत्र वार्ड नंबर 7 में रहने वाले करीब 5 हजार मतदाताओं के नाम वोटिंग लिस्ट में जोड़े जाएं और यहंा के रहवासियों को न्याय दिया जाए। क्योंकि पिछले कई सालों से करौंदी में हजारों लोग रहे रहे हैं जिन्हें आसनल डिपो से वर्ष 1939 में करौंदी बस्ती शिफ्ट किया गया था।