मेडिकल जूनियर लेडी डाॅक्टरों से छेड़खानी, हाथ पकड़कर जबरन कार में बैठाने लगे युवक
गल्र्स हाॅस्टल में बाहरी तत्वों ने जमकर मचाया उत्पात सुरक्षा कंपनी के गार्डों ने आवारा तत्वों को सिखाया सबक, थाने तक पहंुचा मामला
जबलपुर, यशभारत। कोलकाता के आरजे अस्पताल में लेडी डाॅक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ कि नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल अस्पताल की दो जूनियर लेडी डाॅक्टरों के साथ छेड़खानी का मामला सामने आया है। दो जूनियर डाॅक्टर देर रात तिलवारा स्थित एक रेस्टाॅरेंट से खाना खाकर लौट रही थी तभी कार सवार एक दर्जन युवकों ने छेड़खानी कर बदसलूकी कर कार में बैठाने की कोशिश की। मामला यहां शात नहीं हुआ आवारा तत्व गल्र्स हाॅस्टल तक घुस आए और जमकर उत्पात मचाया। हालांकि यह देखकर वहां तैनात सुरक्षा कंपनी के गार्डों ने मोर्चा संभाला और उत्पात मचा रहे युवकों को हाॅस्टल के बाहर खदेड़ दिया। इस बीच गार्ड और युवकों के बीच झूमाझपटी और मारपीट भी हुई। पूरा मामला गढ़ा थाना पहंुचा जहां पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू कर दी।
जानकारी के अनुसार मंगलवार की देर रात यूजी की दो छात्राएं तिलवारा स्थित विरासत रेस्टाॅरेंट से खाना आकर अपनी गाड़ी से लौट रही थी तभी बीच रास्ते में कार सवार 6 युवकों ने छेड़खानी शुरू कर दी। छात्राएं अपनी जान बचाकर जैसे-तैसे मेडिकल के हाॅस्टल पहंुची तो युवक वहां भी पहंुच गए। आवारा तत्व हाॅस्टल के अंदर घुसने की कोशिश करने लगे वहां तैनात सुरक्षा गार्डों ने उन्हें रोकने की कोशिश की तो युवक गाली-गलौज और झूमाझपटी में उतर आए। इसके बाद सुरक्षा गार्डों ने युवकों को सबक सिखाते हुए मेडिकल के बाहर खदेड़ दिया।
जमकर मचा बवाल, जूनियर डाॅक्टरों किया हंगामा
गल्र्स हाॅस्टल में बाहरी युवकों के उत्पात की जानकारी जब जूूनियर डाॅक्टरों को लगी तो सभी एकटठा हो गए और उन्होंने सुरक्षा की मांग करते हुए हंगामा किया। जूनियर डाॅक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष चंद्रबाबू रजक ने बताया कि कोलकाता में इतनी बड़ी घटना हो चुकी है और डाॅक्टरों की सुरक्षा के लिए एडवाइजरी भी जारी हो चुकी है। बाबजूद बाहरी तत्वों के हौंसले बुलंद है, दो छात्राओं के साथ बीच रास्ते में छेड़खानी की गई, कार सवार युवक उन्हें जबरन कार में बैठाने लगे। इससे ये साबित होता है कि डाॅक्टरों की सुरक्षा सिर्फ कागजों में है।
डाॅक्टरों की सुरक्षा के लिए जारी हुई ये एडवाइजरी
गर्वमेंट इंडिया नेशनल मेडिकल ने एडवाइजरी जारी करते हुए कहा कि मेडिकल कॉलेजों में डॉक्टरों के खिलाफ हिंसा की घटनाएं सामने आई हैं। सभी मेडिकल कॉलेजों से अनुरोध है कि वे संकाय, मेडिकल छात्रों और रेजिडेंट डॉक्टरों सहित सभी स्टाफ सदस्यों के लिए कॉलेज और अस्पताल परिसर के भीतर सुरक्षित कार्य वातावरण के लिए एक नीति विकसित करें। नीति को ओपीडी, वार्ड, कैजुअल्टी, हॉस्टल और परिसर और आवासीय क्वार्टरों में अन्य खुले क्षेत्रों में पर्याप्त सुरक्षा उपाय सुनिश्चित करने चाहिए। कर्मचारियों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक सुरक्षित रूप से जाने के लिए शाम के समय गलियारों और परिसरों को अच्छी तरह से रोशन किया जाना चाहिए और निगरानी के लिए सभी संवेदनशील क्षेत्रों को सीसीटीवी द्वारा कवर किया जाना चाहिए। मेडिकल कॉलेज और अस्पताल परिसर में ओपीडी, वार्ड, कैजुअल्टी, लेबर रूम, हॉस्टल और आवासीय क्वार्टर और अन्य खुले क्षेत्रों में पर्याप्त सुरक्षा कर्मचारियों (पुरुष और महिला) की तैनाती सहित पर्याप्त सुरक्षा उपाय उपलब्ध कराए जाने चाहिए। . मेडिकल छात्रों के खिलाफ हिंसा की किसी भी घटना की कॉलेज प्रबंधन द्वारा तुरंत जांच की जानी चाहिए और पुलिस में एफआईआर दर्ज की जानी चाहिए। हिंसा की किसी भी घटना पर विस्तृत कार्रवाई रिपोर्ट अनिवार्य रूप से घटना के 48 घंटे के भीतर राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) को भेजी जानी चाहिए।