आखिर हमारा माई-बाप कौन?”दबे स्वर में पुलिस हतोत्साहित – सोशल मीडिया पर उठे सवाल

जबलपुर। सड़क पर डटे पुलिसकर्मी इस वक्त दोहरी मार झेल रहे हैं। एक ओर उन्हें रोज़ाना चालानी कार्रवाई और कानून-व्यवस्था कायम रखने की जिम्मेदारी सौंपी जाती है, दूसरी ओर जनता की बदतमीजी, नेताओं की झिड़की और सोशल मीडिया की आलोचना उनके मनोबल को तोड़ रही है। ताज़ा घटनाओं और वायरल वीडियो ने हालात को और स्पष्ट कर दिया है कि पुलिस बल भीतर ही भीतर असुरक्षा और हताशा की स्थिति में है।
सोशल मीडिया बना हथियार
हाल ही में ट्रैफिक पुलिस की कार्रवाई के दौरान पूर्व महापौर और एक सिपाही के बीच हुए विवाद का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ। इससे पहले भी कई बार चालान के समय पुलिसकर्मियों को धक्का-मुक्की और मारपीट का सामना करना पड़ा है। सोशल मीडिया पर इन घटनाओं को लेकर बहस छिड़ गई है – लेकिन अधिकांश पोस्ट पुलिस के खिलाफ हैं।एक पुलिसकर्मी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा – “हम कानून लागू करते हैं तो गालियाँ सुननी पड़ती हैं, धक्का भी खाना पड़ता है। नेता अपने वोट बैंक के लिए हमें बेइज्जत करते हैं, जनता कैमरा ऑन करके वायरल कर देती है। ऐसे में हमारा साथ कौन देगा?”
हतोत्साहित हो रहा पुलिस बल
चालानी कार्रवाई में तैनात जवानों का कहना है कि उन्हें नियमों का पालन कराने भेजा जाता है, लेकिन जब वे सख्ती दिखाते हैं तो विवाद खड़े हो जाते हैं।एक अन्य जवान ने कहा – “हमारा मनोबल टूट रहा है। हम सड़कों पर दिन-रात ड्यूटी करते हैं, लेकिन पीछे से हमारी हिम्मत बढ़ाने वाला कोई नहीं दिखता।”
वरिष्ठ अधिकारियों के लिए चुनौती
पुलिस महकमे के भीतर यह चर्चा तेज है कि अगर जवानों के मनोबल को बहाल करने के लिए ठोस कदम नहीं उठाए गए तो कानून-व्यवस्था पर सीधा असर पड़ेगा। लगातार उठ रहे विरोध और आलोचना के बीच जवानों का यह सवाल और तेज हो गया है कि –“हम जनता की रक्षा करते हैं, लेकिन आखिर हमारी रक्षा कौन करेगा? हमारा माई-बाप कौन है?”








