बिल्डर शंकर मांचानी को मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय से बड़ी राहत: कोई भी कार्रवाई न करने का आदेश

जबलपुर। मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने बिल्डर शंकर मांचानी को एक बड़ी राहत देते हुए उनके खिलाफ दर्ज अपराध मामले में कोई भी कार्रवाई न करने का आदेश दिया है। यह आदेश न्यायालय ने शंकर मांचानी की ओर से दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया।
आवेदक के वकील वरिष्ठ अधिवक्ता संजय अग्रवाल सहित कपिल रोहरा ने अदालत में दलील दी कि यह मामला केवल एक सिविल विवाद है और इसके बावजूद इसे आपराधिक मुकदमे का रूप दिया गया है। उनकी और से यह भी दलील दी गई कि, राजकुमार बुद्रानी के साथ मूल अनुबंध पत्र का निरस्तीकरण कर दिया गया है एवं समस्त पैसे उनको चेक के माध्यम से लौटा दिए गए है | उन्होंने यह भी कहा कि इस मामले में शंकर मांचानी के खिलाफ कोई आपराधिक कार्रवाई नहीं होनी चाहिए क्योंकि यह एक व्यावसायिक समझौते से जुड़ा हुआ विवाद है। उनके द्वारा यह भी बतलाया गया कि उनके मध्य एक व्यवहार वाद माननीय व्यवहार न्यायलय में लंबित है जिसमें राजकुमार बुधरानी को जीत की आशंका ना होने के कारण यह अपराधिक मामला दर्ज करवाया गया | मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार से इस मामले की जाँच रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए समय दिया है। साथ ही, अदालत ने यह आदेश दिया कि शंकर मांचानी के खिलाफ कोई भी कार्रवाई नहीं की जाएगी, जब तक मामले की अगली सुनवाई नहीं हो जाती। यह निर्णय शंकर मांचानी के लिए एक बड़ी राहत के रूप में सामने आया है |