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कब से आरंभ हो रहा छठ पर्व? जानें नहाय खाय, खरना से लेकर सूर्योदय अर्घ्य तक की तिथियां

कब से आरंभ हो रहा छठ पर्व? जानें नहाय खाय, खरना से लेकर सूर्योदय अर्घ्य तक की तिथियां

वैदिक पंचांग के अनुसार, प्रतिवर्ष कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से छठ महापर्व की शुरुआत होती है और यह सप्तमी तिथि को सूर्य देव को अर्घ्य देने के साथ संपन्न होता है। इनमें षष्ठी तिथि को सबसे प्रमुख माना जाता है। इन दिनों में सूर्य देव की पूजा विशेष रूप से की जाती है। यह पर्व मुख्य रूप से बिहार और पूर्वांचल क्षेत्र में धूमधाम से मनाया जाता है, लेकिन अब देश के विभिन्न हिस्सों और विदेशों में भी श्रद्धा के साथ मनाया जाने लगा है। छठ पूजा को सबसे कठिन व्रतों में गिना जाता है, क्योंकि इसमें कड़े नियमों का पालन करना होता है और लगभग 36 घंटे तक माताएं निर्जला व्रत करती हैं। माताएं यह व्रत अपनी संतान की लंबी उम्र, अच्छे भविष्य, रोग मुक्त जीवन और समृद्धि की कामना के लिए करती हैं। आइए जानते हैं चार दिनों तक चलने वाले इस पर्व की शुरुआत कब हो रही है और हर दिन का क्या विशेष महत्व है…

कब है छठ महापर्व 2025
कार्तिक शुक्ल षष्ठी तिथि के साथ छठ पूजा आरंभ होती है। बता दें षष्ठी तिथि 27 अक्टूबर को सुबह 06 बजकर 04 मिनट पर शुरू होगी और 28 अक्टूबर को सुबह 07 बजकर 59 मिनट पर समाप्त होगी। ऐसे में 27 अक्टूबर को संध्याकाल का अर्ध्य और 28 अक्टूबर को सुबह का अर्घ्य दिया जाएगा।

छठ पूजा की तिथियां
नहाय-खाय – 25 अक्टूबर 2025

कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को नहाय-खाय मनाया जाता है। छठ पूजा का पहला दिन होता है, जब श्रद्धालु नदी, तालाब या किसी पवित्र जल में स्नान कर शुद्ध और सात्विक भोजन ग्रहण करते हैं।

खरना – 26 अक्टूबर 2025
पंचमी तिथि को खरना मनाया जाता है, जो छठ का दूसरा दिन होता है। इस दिन माताएं दिनभर व्रत रखती हैं और शाम को पूजा के बाद गुड़ से बनी खीर व अन्य प्रसाद ग्रहण कर 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू करती हैं।

संध्या अर्घ्य – 27 अक्टूबर 2025
षष्ठी तिथि को छठ का तीसरा और सबसे महत्वपूर्ण दिन होता है। इस दिन सूर्यास्त के समय माताएं नदी या तालाब पर जाकर सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित करती हैं और पूजा करती हैं।
प्रातःकालीन अर्घ्य – 28 अक्टूबर 2025

सप्तमी तिथि को छठ महापर्व का अंतिम दिन होता है। इस दिन उगते सूर्य को अर्घ्य देकर माताएं अपना व्रत खोलती हैं और प्रसाद का वितरण करती हैं, जिससे पर्व का समापन होता है।

सितंबर माह का तीसरे सप्ताह सूर्य और शुक्र अपनी राशि बदलने वाले हैं, जिससे कई राजयोगों का निर्माण होने वाला है। इस सप्ताह शुक्र कर्क राशि में प्रवेश करेंगे, जिससे बुध के साथ युति करके लक्ष्मी नारायण योग का निर्माण करेंगे। इसके साथ ही सूर्य सिंह राशि में प्रवेश करेंगे, जिससे केतु के साथ युति करेंगे। इसके अलावा इस सप्ताह समसप्तक, षडाष्टक, गजलक्ष्मी, नवपंचम, महालक्ष्मी जैसे राजयोगों का निर्माण हो रहा है। ऐसे में कुछ राशि के जातकों को इस सप्ताह विशेष लाभ मिल सकता है। आइए जानते हैं मेष से लेकर मीन राशि तक के जातकों का कैसा बीतेगा ये सप्ताह।

 

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