सत्ता से जुड़े संगठनों की देर रात बैठक के मायने क्या

सत्ता से जुड़े संगठनों की देर रात बैठक के मायने क्या
आशीष शुक्ला, भोपाल। भोपाल में कल रात एक फाइव स्टार होटल में सत्ता से जुड़े मातृ संगठनों की बैठक की राजनीतिक हल्कों में काफी गोपनीय तौर से चर्चा की जा रही है। कहा जा रहा है कि संयोगवश मुलाकात हो गई होगी, लेकिन घड़ी का कांटा कहता है सब तय हो कर ही मुलाकात हुई है। बैठक के एजेंडों को लेकर भी समझदार राजनीतिक लोग मायने निकाल रहे हैंँ। इसमें जो प्रमुख बात निकलकर सामने आई है उसमें हाल ही में प्रधानमंत्री का दौरा की चर्चा के अलावा मालवा के किसानों की मांगों पर भी चर्च होना बताया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि दो दिन पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मप्र के धार जिले में आए थे। इस दौर के चलते भाजपा के जुड़े संगठन और भाजपा में सीधी दखलअंदाजी रखने वाले प्रमुख लोग मप्र में थे। इन्हीं सब परिस्थितियों के चलते कल रात भोपाल के फाइव स्टार होटल में अनेक जिम्मेदार नेताओं एवं पदाधिकारियों का आना शुरू हो गया। जो पता चला है उसके हिसाब से देर रात तक यह बैठक चलती रही। सुबह जब इस बैठक को लेकर पता करने का प्रयास किया गया तो किसी ने भी अधिकृत बात नहीं की, लेकिन राजनीतिक लोगों की समझ में आ रहा है उसमें उज्जैन में किसानों का आंदोलन प्रमुख केंद्र बिंदु रहा। सिंहस्थ को लेकर हाल ही में शासन ने जो निर्माण को लेकर निर्णय लिए जाने वाले हैं उससे भाजपा का ही एक किसान संगठन विद्रोह के मूड में है। अब सवाल यह उठता है कि एक ही छत के नीचे संगठनों में चल रहा है जहां एक तरफ सत्ता है। इसको लेकर गंभीर विचार विमर्श किया होगा।
जब इस तरह की मुलाकात होती है तो लाजमी है कि वर्तमान में निगम मंडलों संगठनों में जिम्मेदारी किन लोगों को दी जानी है इसे लेकर भी चर्चा होती ही होगी।






