सुभाष नगर फ्लाईओवर पर रोजाना लग रहा जाम

सुभाष नगर फ्लाईओवर पर रोजाना लग रहा जाम
– शहर के अन्य मार्गों पर बढ़ा दबाव
भोपाल यशभारत। राजधानी के सुभाष नगर फ्लाईओवर पर रोजाना जाम की समस्या आम हो गई है। सुबह-शाम दफ्तर व स्कूल-कॉलेज के समय यहां वाहनों की लंबी कतारें लग जाती हैं। यात्री, व्यापारी और विद्यार्थी रोज़ाना परेशान होते हैं। सबसे ज्यादा दिक्कत तब आती है जब एंबुलेंस या फायर ब्रिगेड जैसी आपातकालीन सेवाओं को भी इस जाम से होकर गुजरना पड़ता है। स्थानीय निवासियों और राहगीरों के अनुसार फ्लाईओवर के दोनों ओर अतिक्रमण, अवैध पार्किंग और ट्रैफिक नियमों की अनदेखी जाम की मुख्य वजह हैं। ठेले-दुकानों ने सडक़ की चौड़ाई घटा दी है, जबकि ऑटो व दोपहिया वाहन अचानक बीच सडक़ पर रुक जाते हैं। ट्रैफिक पुलिस ने कई बार विशेष अभियान चलाए लेकिन समस्या का स्थायी समाधान नहीं हो पाया।

हजारों वाहनों का होता है आवागम
सुभाष नगर फ्लाईओवर अकेला ऐसा स्थान नहीं है जहां ट्रैफिक दबाव बढ़ा हो। भोपाल में कई बड़े फ्लाईओवर और रेलवे ओवरब्रिज हैं जिन पर हर दिन हजारों वाहन गुजरते हैं। गायत्री मंदिर से गणेश मंदिर तक बना ‘डॉ. भीमराव अंबेडकर फ्लाईओवर’ (करीब 2.9 किलोमीटर लंबा) शहर के सबसे लंबे फ्लाईओवरों में है, जो मैदा मिल मार्ग, डीबी मॉल स्क्वायर, बोर्ड ऑफिस स्क्वायर, प्रगति स्क्वायर और मानसरोवर कॉम्प्लेक्स जैसे भीड़भाड़ वाले इलाकों को जोड़ता है।
३०० करोड़ से अधिक की लागत की बनी योजना
इसी तरह बैरागढ़ (संत हिरदाराम नगर) में मल्टी-लेयर / डबल डेकर फ्लाईओवर परियोजना 300 करोड़ से अधिक की लागत से बन रही है, जो इंदौर मार्ग की ओर यातायात को आसान करेगी। शहर के व्यापमं चौराहा, सूखी सेवनिया और फंदा जैसे इलाकों में भी नए फ्लाईओवर और सेपरेटर बनाने की योजना है, जिससे जाम कम हो और सडक़ हादसों पर रोक लगे।
तीसरी लेन जोडऩे की तैयारी
फिलहाल सुभाष नगर फ्लाईओवर पर तीसरी लेन जोडऩे की तैयारी है ताकि रेलवे क्रासिंग और आसपास के इलाकों के यातायात दबाव को कम किया जा सके। ट्रैफिक पुलिस का कहना है कि जब तक अतिक्रमण नहीं हटेंगे और वैकल्पिक मार्ग विकसित नहीं होंगे, तब तक जाम की समस्या पूरी तरह खत्म करना मुश्किल होगा।
पुलिस कर्मियों की संख्या बढ़ाने से हो सकता है समस्या का समाधान
सामाजिक संगठनों ने भी प्रशासन से मांग की है कि पीक ऑवर में ट्रैफिक पुलिसकर्मियों की संख्या बढ़ाई जाए, स्मार्ट ट्रैफिक सिग्नल लगाए जाएं और पार्किंग की व्यवस्था दुरुस्त की जाए। नागरिकों का कहना है कि राजधानी में यातायात तेजी से बढ़ रहा है और अगर अभी ठोस कदम नहीं उठाए गए तो आने वाले वर्षों में समस्या और गंभीर हो सकती है।







