पर्दे के पीछे से संघ ने संभाला मोर्चा

जबलपुर यश भारत। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने पर्दे के पीछे से भाजपा के लिए विधानसभा चुनाव की कमान संभाल ली है। इसके लिए उसने ‘त्रिशूल व्यूह की संरचना की है। इसके तहत मतदाताओं को ‘ए ‘बी ‘सी श्रेणी में बांटकर उन्हें चिह्नित किया जा रहा है।
मतदान के दिन पन्ना प्रमुखों के माध्यम से इन्हीं श्रेणियों के वरीयता क्रम के आधार पर मतदाताओं को बूथ तक पहुंचाने की कवायद की जाएगी। इन श्रेणियों में विभाजित करने से पहले पन्ना प्रमुख केंद्र सरकार की उपलब्धियों का साहित्य मतदाताओं को बांट रहे हैं। भाजपा के लिए माहौल बनाने और मतदाताओं को बूथ तक लाने की रणनीति के क्रियान्वयन की रूपरेखा में संघ भाजपा से कई कदम आगे है। संघ ने अपने सक्रिय स्वयंसेवकों में से हर बूथ पर 15 से 20 पन्ना प्रमुख बनाए गए हैं।
मतदाताओं को तीन श्रेणियों में बांटा-प्रत्येक पन्ना प्रमुख को 50-50 मतदाताओं से संपर्क साधने की जिम्मेदारी दी है। ये अपने आसपास के मतदाताओं को मतदान पर्ची देने के साथ-साथ केंद्र सरकार की उपलब्धियों से संबंधित साहित्य दे रहे हैं। इसमें संस्कृति, रक्षा नीति, विदेश नीति, वित्त नीति, राष्ट्रीय मान बिंदु के तहत उपलब्धियां गिनाई गई हैं। इसके आधार पर वे न सिर्फ मतदाताओं को भाजपा के पक्ष में मतदान करने के लिए सोचने पर मजबूर कर रहे हैं बल्कि उनसे बातचीत के आधार पर ‘ए ‘बी सी श्रेणी में बांट रहे हैं। ‘ए श्रेणी में उन मतदाताओं को रखा जा रहा है, जो पूरी तरह से भाजपा के समर्थक हैं। ‘बीश्रेणी में उन मतदाताओं को रखा जा रहा है, जो भाजपा और दूसरे दलों के बीच उलझे हुए हैं। ‘सी श्रेणी में उन मतदाताओं को रखा जा रहा है, जो पूरी तरह से भाजपा के साथ नहीं हैं। पन्ना प्रमुख अपने पास मौजूद मतदाता सूची में मतदाताओं के नाम के आगे इन श्रेणी में से एक की श्रेणी अंकित कर देता है। जिससे कि मतदान से पहले संगठन के पास उस बूथ का विस्तृत ब्यौरा उपलब्ध रहे। मतदान के दिन यही पन्ना प्रमुख सबसे पहले ‘ए श्रेणी के मतदाताओं से संपर्क कर उन्हें बूथ तक पहुंचाने का काम करेंगे। ताकि भाजपा का शत-प्रतिशत वोट सुनिश्चित हो सके। इसके बाद अन्य श्रेणियों के मतदाताओं पर ध्यान दिया जाएगा।
उत्तर, पश्चिम और पूर्व में झोंक दी ताकत-इसी कड़ी में संघ द्वारा उत्तर विधानसभा जहां टिकट को लेकर बड़ा विरोध था वही पश्चिम व पूर्व की सीट भाजपा के लिए प्रतिष्ठा का विषय बनी हुई है जहां पर संघ के कार्यकर्ता अपने हिसाब रणनीति बनाकर मतदाताओं तक पहुंच रहे हैं। अलग-अलग समन्वयक और सह समन्वयक बनाए गए हैं। इसके बाद सभी विधानसभा क्षेत्रों के समन्वयक और सहसमन्वयक नियुक्त किए हैं। प्रत्येक विधानसभा में बिल्डिंग प्रमुख और सह प्रमुख हैं। इसके बाद बूथ समन्वयक और सह समन्वयक तैनात किए हैं। हर बूथ समन्वयकों के नेतृत्व में 15 पन्ना प्रमुख लगाए गए हैं। सभी संघ के सक्रिय स्वयंसेवक हैं।
वर्गों पर विशेष नजर-प्रांत प्रचारक, क्षेत्र प्रचारक, विभाग प्रचारक संघ की बूथ कमेटियों के साथ बैठक कर समय-समय पर समीक्षा तो कर रहे हैं, समाज के भी विभिन्न वर्गों के साथ बैठकें कर उन्हें वर्तमान और पिछली सरकारों के क्रियाकलाप में अंतर समझा रहे हैं। चार्टर्ड एकाउन्टेंट, चिकित्सक, अधिवक्ता, बिल्डर, शिक्षक आदि के साथ बैठकें कर रहे हैं।