धान उपार्जन ; प्रशासन की कसावट का केन्द्र प्रभारियों पर नहीं पड़ रहा असर
प्रभारियों की मनमानी हावी

कटनी, यशभारत। राज्य सरकार के निर्देश पर जिले में समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन किया जा रहा है। प्रशासन द्वारा उपार्जन के दौरान गड़बड़ियों पर रोक लगाने कसावट की गई है, इसके बावजूद केन्द्र प्रभारियों की मनमानी हावी है। केन्द्रों में किसानों को अपनी उपज बेचने के लिए दो-दो दिन इंतजार करना पड़ रहा है। सुबह से शाम तक अपनी बारी का किसान इंतजार कर रहे। धान की तुलाई नहीं होने की भी शिकायतें मिल रही हैं। परिवहन की धामी रफ्तार से केन्द्रों में धान का अंबार लगा हुआ है।
गौरतलब है कि जिले में समर्थन मूल्य पर किसानों से धान की खरीदी के लिए 84 केन्द्र बनाए गए हैं, जहां 1 दिसंबर से उपार्जन किया जाना था लेकिन इसी दौरान मौसम की खराबी और बारिश के चलते उपार्जन का काम पिछड़ गया। इसके बाद 10 दिसंबर से खरीदी का सिलसिला शुरू हुआ तो गड़बड़ियां एवं लापरवाही सामने आ रही है। शहर के साथ ही ग्रामीण अंचल क्षेत्रों में धान उपार्जन के दौरान शिकायतें थमने का नाम नहीं ले रही हैं। प्रशासन के निर्देशों का भी केन्द्रा प्रभारियों पर असर नहीं हो रहा है। बताया जाता है कि समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी के लिए ढीमरखेड़ा तहसील में 14 केंद्र संचालित है। परिवहन नहीं होने से अधिकांश खरीदी केंद्रों पर धान का अंबार लगा हुआ है, जबकि कुछ केंद्रों में तो बारदानों की समस्या बनी हुई है। समस्याओं के चलते खरीदी बंद तक करना पड़ रहा है। अधिकारी इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं।
देवरी मंगेला खरीदी केंद्र की बात करें तो यहां अभी तक 7 हजार क्विंटल से अधिक की उपज की तुलाई हो चुकी है। केंद्र में उपज का अंबार लगा है। परिवहन न होने से खरीदी में भी समस्या बन रही है। जिम्मेदार अधिकारियों को परिवहन के लिए सूचना दिए जाने के बाद भी यहां से धान का परिवहन नहीं किया गया है। किसानों का कहना है कि इन दिनों मौसम में बदलाव हो रहा है। ऐसे में यदि बारिश हो जाती है तो बड़ी मात्रा में धान खराब होने से इंकार नहीं किया जा सकता।
बारदाने का अभाव, नहीं हो रही तौल
टोला खरीदी केंद्र पर धान की तौल नहीं हो पा रही है। ऐसा बारदाने के अभाव में हुआ। मंगलवार को टोला केंद्र में बारदाना नहीं होने से तौल बंद रही। किसान अपनी उपज केंद्र में लाकर रखी है। अब उन्हें उनकी उपज तुलाई की चिंता है। बारदाने नहीं पहुंचा तो आगे भी खरीदी प्रभावित होगी। बताया जाता है कि 7 हजार क्विंटल से अधिक की खरीदी हो चुकी है। उपज का परिवहन नहीं हो पाया है। मंगलवार को केंद्र में एक गाड़ी पहुंची हैं। बारदानों की भी कमी है। मुरवारी खरीदी केंद्र में 14 हजार क्विंटल के करीब की खरीदी हो गई है। परिवहन न होने से केंद्र में धान का अंबार लगा है। बारदाना की खत्म होने की कगार पर हैं। खाम्हा खरीदी केंद्र में भी 7 हजार क्विंटल से अधिक धान की खरीदी की जा चुकी हैं। परिवहन न होने से धान का अंबार केंद्र में लगा है। सिलौंड़ी और कचनारी खरीदी केंद्र की बात करें तो इन दोनों केन्द्रों में 15-15 हजार क्विंटल उपज की खरीदी हो चुकी है। धान का उठाव न होने से यहां खरीदी नाम मात्र के लिए हो रही है। यहां धान की खरीदी में परिवहन न होना अड़ंगा बना हुआ है। ढीमरखेड़ा तहसील के अन्य कई केंद्रों पर भी इसी तरह की स्थिति बन रही है। इस बार खरीदी शुरू होने भी देर हुई। केंद्रों में उपज खरीददारी शुरू हुई तो अब धान परिवहन में खासी देरी हो रही है। इससे यह सभी की परेशानी का सबब बना है।