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पचमढ़ी छावनी परिषद को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत

अब पचमढ़ी कैंट एरिया में भी बन सकेंगे 3 मंजिला मकान

पचमढ़ी छावनी परिषद को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत

अब पचमढ़ी कैंट एरिया में भी बन सकेंगे 3 मंजिला मकान

जबलपुर। बुधवार का दिन पचमढ़ी छावनी परिषद और स्थानीय निवासियों के लिए ऐतिहासिक साबित हुआ। सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम फैसले में पचमढ़ी छावनी क्षेत्र में G+3 (ग्राउंड फ्लोर + तीन मंज़िल) निर्माण की अनुमति दे दी है। इस फैसले से स्थानीय लोगों में खुशी की लहर दौड़ गई है। इसके पहले यहां पर पुराने नियम के तहत ग्राउंड प्लस एक मंजिल मकान बनाने की ही अनुमति थी जिस पर अब सुप्रीम कोर्ट ने ग्राउंड प्लस तीन की अनुमति देदी है।

17 साल पुरानी मांग हुई पूरी

सुप्रीम कोर्ट ने पचमढ़ी छावनी परिषद की 17 साल पुरानी मांग को स्वीकार कर लिया है। वर्ष 2008 में सेंट्रली एंपावर्ड कमेटी (CEC) ने छावनी क्षेत्र को अभयारण्य से अलग करने की सिफारिश की थी, जिसमें केवल G+1 निर्माण की अनुमति का सुझाव था।
इस सिफारिश के खिलाफ छावनी परिषद ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी और अपने नियम लागू करने की मांग रखी थी। कोर्ट ने अब परिषद की इस याचिका को स्वीकार करते हुए आदेश दिया है कि छावनी क्षेत्र में निर्माण कार्यों के लिए छावनी परिषद के अपने उप-नियम ही लागू रहेंगे।इस निर्णय के बाद अब पचमढ़ी छावनी क्षेत्र में विकास और आवासीय जरूरतों को नई दिशा मिलेगी।

 

पीड़ा का हुआ है समाधान: विवेक तंखा

वरिष्ठ अधिवक्ता एवं राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि यह केवल कानूनी जीत नहीं, बल्कि पचमढ़ी के निवासियों की लंबे समय से चली आ रही पीड़ा का समाधान है।
उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का यह आदेश स्थानीय नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करेगा और अब विकास कार्यों का लाभ उन्हें सहज रूप से मिलेगा। तन्खा ने इसे जनता की जीत करार दिया।

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