करवा चौथ आज,भोपाल, उज्जैन, रीवा, जबलपुर में सताएगा चांद
देर रात तक चली खरीददारी, होटल-रेस्टोरेंट्स ने रचाई करवा चौथ की थीम

जबलपुर यश भारत। करवा चौथ का पर्व इस बार परंपरा और बदलते ट्रेंड का मिलाजुला रंग लेकर आया। गुरूवार देर रात तक शहर की महिलाएं बाजारों में खरीदारी करती नजर आईं। कहीं चूड़ी और मेहंदी की दुकानों पर भीड़ रही, तो कहीं ब्यूटी पार्लर में बुकिंग फुल रहीं। शहर के प्रमुख बाजारों सदर, रसल चौक, गोहलपुर,अधारताल गढा गोरखपुर रांझी विजय नगर,आदर्शनगर,गौर चौक और घमापुर में करवा चौथ की खास रौनक देखी गई। महिलाओं के द्वारा मनाया जाने वाले इस पर्व को लेकर महिलाओं में खासा उत्साह है और पति की दीर्घायु की कामना के साथ इसे आज मनाया जा रहा है।

देर रात तक चली खरीददारी
त्योहार के एक दिन पहले ही शहर की महिलाएं अपने पूजन की थाल, करवे, साज-सज्जा, पारंपरिक परिधान और ज्वेलरी की खरीदारी में जुटी रहीं। स्थानीय दुकानों से लेकर शॉपिंग मॉल्स तक भारी भीड़ उमड़ी। पारंपरिक लाल, गुलाबी और मेहरून रंग की साड़ियों और लहंगों की मांग सबसे ज़्यादा रही। वहीं युवतियों में इंडो-वेस्टर्न ड्रेस और गोटा-पट्टी सूट की डिमांड दिखी।

होटल और रेस्टोरेंट में खास ‘करवा चौथ थीम’
इस बार जबलपुर के कई होटलों और कैफे-रेस्टोरेंट्स ने भी करवा चौथ पर थीम नाइट्स और “चांदनी डिनर” का आयोजन किया गया है।कुछ जगहों पर “करवा क्विज”, मेहंदी कॉन्टेस्ट और बेस्ट ड्रेस कपल” जैसै हां आयोजन भी किये जा रहे हैं।
परंपराओं का भी निर्वहन
बदलते समय और भागदौड़ भरी दिनचर्या के बीच भी महिलाएं परंपराओं से जुड़ी रहीं। सूर्योदय से पहले सरगी का सेवन,दिनभर व्रत रखकर शाम को चंद्रमा को अर्घ्य, और पति की लंबी उम्र की कामना के साथ पूजन। इन सब रस्मों का विधिपूर्वक पालन किया जा रहा है। कई सोसाइटीज़ और कॉलोनियों में सामूहिक पूजन का आयोजन भी किया गया, जहाँ महिलाओं ने एक-दूसरे की थाली घुमाकर गीत गाए और करवा चौथ की कथा सुनी जायेगी।

महिलाएं बोलीं: “रिवाज भी, रोमांस भी”
महिलाओं का कहना है कि “पहले मां और दादी करवा चौथ मनाती थीं, अब हम भी वही रिवाज निभाते हैं — बस अंदाज़ थोड़ा नया हो गया है।” “रात को पति के साथ होटल में चांद देखना एक यादगार पल बन जाता है. परंपरा और प्यार दोनों साथ चलते हैं।”करवा चौथ अब सिर्फ एक व्रत नहीं, बल्कि संस्कृति और संवेदनाओं का उत्सव बन चुका है। जबलपुर की महिलाएं आज परंपरा की गहराई में आधुनिकता का रंग भरती नजर आईं। बाजार की चहल-पहल हो या होटल की सजावट,हर जगह करवा चौथ की महक बिखरने वाली है।

भोपाल, उज्जैन, रीवा, जबलपुर में सताएगा चांद
लेकिन इस बार चाँद थोड़ा नखरे करेगा. मौसम विभाग के अनुसार, आसमान में हल्के बादल रह सकते हैं, इसलिए भोपाल में लगभग 8 बजकर 10 मिनट के आसपास चाँद के दर्शन होने की संभावना है. उसी वक्त उज्जैन में भी महिलाएँ छतों पर डेरा जमाए रहेंगी, जहाँ चाँद करीब 8 बजकर 15 मिनट पर दिख सकता है.
बात करें रीवा की तो यहाँ हमेशा की तरह ठंडी हवा और साफ आसमान देखने को मिल सकता है, लेकिन चाँद फिर भी 8 बजकर 20 मिनट के बाद ही झाँकने वाला है. और जबलपुर की बात करें, तो यहाँ का चाँद सबसे आखिर में मुस्कुराएगा लगभग 8 बजकर 25 मिनट पर.

हर शहर में एक जैसी बेचैनी होगी कोई छत पर टहलता हुआ नजर आएगा, तो कोई छलनी हाथ में लिए आसमान ताकता रहेगा. कुछ महिलाएँ वीडियो कॉल पर अपनी सास या माँ के साथ पूजा करेंगी, तो कुछ सहेलियाँ मिलकर चाँद का इंतजार करेंगी. यह वो रात होती है जहाँ न थकान मायने रखती है, न वक्त बस दिल में एक ही ख्याल, “कब निकलेगा वो चाँद?”







