जन भागीदारी से आंगनवाड़ी सेवा की गुणवत्ता में सुधार, मध्य प्रदेश सरकार का नवाचार
सांस्कृतिक गतिविधियों से जोड़ा गया आंगनवाड़ी कार्यक्रम

जबलपुर, यशभारत। जबलपुर में एकीकृत बाल विकास परियोजना शहरी क्रमांक-04 के अंतर्गत गोद लिए गए आंगनबाड़ी केंद्रों में भारत विकास परिषद ने आंगनबाड़ी केंद्र क्रमांक-17 और 26 को गोद लिया है। मध्य प्रदेश सरकार महिला बाल विकास विभाग ने सामुदायिक सहभागिता को बढ़ावा अडॉप्टेड एन आंगनवाड़ी कार्यक्रम के तहत देने समाज के सक्षम व्यक्तियों परिवारों और संस्थाओं को आंगनबाड़ी से जोड़ने के प्रयास प्रारंभ किए हैं।
भानतलैया बालक प्राथमिक शाला, की आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं श्रीमती अमिता चौबे, श्रीमती जागृति जाट एवं सहायिका श्रीमति सुनीता उपाध्याय ने अपने क्षेत्र में लगातार आंगनवाड़ी कार्यक्रम को नया स्वरूप देना प्रारंभ कर दिया है।
परिणाम स्वरुप इन दोनों केंद्रों में न केवल आंगनवाड़ी कार्यक्रम की गुणवत्ता पर प्रभाव पड़ा है, बल्कि जन भागीदारी भी नजर आने लगी है। परियोजना अधिकारी रितेश दुबे एवं उनकी पर्यवेक्षकों सुश्री आरती पांडे एवं सविता अग्रवाल ने शहरी क्षेत्र में इस केंद्र को आदर्श स्वरूप देने की मुहिम प्रारंभ की। अनुसूचित जाति बाहुल्य क्षेत्र के इन दोनों आंगनबाड़ी केंद्रों में कन्या भोज एवं बाल भोज के रूप में एक आयोजन किया गया। आयोजन के अंतर्गत बच्चों को भोजन, के साथ साथ फल, बिस्किट और गिफ्ट वितरित किए गए, जिससे बच्चों के चेहरे पर खुशी की लहर दौड़ गई। यह आयोजन के तहत संपत्र हुआ, जो महिला एवं बाल विकास दितीय मगलाद अन्नधान विभाग की महत्वपूर्ण पहल है।
रितेश दुबे परियोजना अधिकारी ने बताया ह्यूमन डेवलपमेंट से संबंधित किसी भी शासकीय योजना अथवा कार्यक्रम को लागू करने तथा उसमें निरंतरता बनाए रखने के लिए नवाचारों की सतत जरूरत रहती है, इस क्रम में हमने कन्या भोज के साथ-साथ बाल भोज भी प्रारंभ किए हैं। विगत वर्ष नवरात्रि पूजा पर्व पर 35 स्थान पर ऐसे आयोजन किए गए थे, इस वर्ष भी हम इसे जारी रखेंगे।
कार्यक्रम में प्रमुख अतिथि के रूप में हितकारिणी महिला महाविद्यालय की प्राचार्य नीलेश पांडेय, मार्गदर्शक भारत विकास परिषद महाकौशल प्रांत रामकृष्ण चौकसे, रीजनल सचिव सेवा श्रीमती सरोज चौकसे (महिला प्रमुख महाकौशल प्रांत), नितिन पालीवाल,श्रीमती रश्मि कुलकर्णी, एडवोकेट अमन पांडेय (सचिव जबलपुर शाखा), रमेश तपाकर और श्रीमती ज्योति तपाकर उपस्थित रहे। इसके अलावा, महिला एवं बाल विकास विभाग की पर्यवेक्षक श्रीमती सविता अग्रवाल, श्रीमती आरती पांडेय तथा आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाएं भी मौजूद रहीं। यह आयोजन न केवल पोषण जागरूकता को बढ़ावा देता है बल्कि समाज में बाल विकास और महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। भारत विकास परिषद की इस पहल से जबलपुर में आंगनबाड़ी केंद्रों को मजबूती मिलेगी और समुदाय की भागीदारी बढ़ेगी। राष्ट्रीय पोषण माह के तहत ऐसे कार्यक्रम पूरे देश में बाल पोषण और स्वास्थ्य सुधार पर फोकस कर रहे हैं।







