मनमाने ढंग के फुटपाथ, पानी सोखने व पौधे लगाने के लिए नहीं बच रही जमीन

मनमाने ढंग के फुटपाथ, पानी सोखने व पौधे लगाने के लिए नहीं बच रही जमीन
जबलपुर यश भारत शहरभर में सड़कों के किनारे कांक्रीट के फुटपाथ का निर्माण किया जा रहा है, पानी सोखने कहीं भी जमीन नहीं छोड़ी जा रही है। फुटपाथ बनाने के लिए कांक्रीटेड बेस बनाए जा रहे हैं। इसके कारण सड़क किनारे का पानी रिसकर भी जमीन में जाने की गुंजाइश नहीं बच रही है। तकनीकी जानकारों के अनुसार पुरानी तकनीक से फुटपाथ का निर्माण किए जाने पर बेस को पक्का नहीं किया जाता था।
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01 करोड़ 77 लाख की लागत से होगा पाथवे निर्माण
17 करोड़ की लागत से पूर्व में हुआ फुटपाथ निर्माण
34 किलोमीटर में हुआ फुटपाथ निर्माण
05 लाख रुपए के लगभग प्रति किमी निर्माण लागत
पेवर ब्लॉक भी इस प्रकार के लगाए जाते थे जिससे कि जमीन में पानी पहुंचता रहे। महानगरों में परफोरेटेड पेवर ब्लॉक की नई तकनीक उपयोग की जाने लगी है। जिससे कि फुटपाथ में लगे छिद्र युक्त पेवर ब्लॉक से होकर जमीन में पानी पहुंच सके। नगर निगम नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम के तहत गढ़ा जोन में मेडिकल के पास से शाहनाला के दोनों ओर, बाजनामठ संग्राम सागर, न्यू शास्त्री नगर में पाथवे निर्माण की टेंडर प्रक्रिया हो चुकी है।
एकरूपता भी नहीं- शहर में स्मार्ट सिटी के तहत विजय नगर, सिविल लाइन, ओमती, राइट टाउन, गोरखपुर, देवताल समेत कई और इलाकों में कांक्रीटेड फुटपाथ का निर्माण किया जा चुका है। फुटपाथ निर्माण पर इन इलाकों में बड़ी राशि खर्च की गई, लेकिन कहीं भी एकरूपता नहीं है। किसी स्पॉट पर फुटपाथ की चौड़ाई तीन फीट है तो कहीं छह से सात फीट तक चौड़े फुटपाथ का निर्माण किया गया है। ज्यादातर जगह फुटपाथ खाली नहीं रहते हैं। निगम अधिकारियो का कहना है कि नगर में पहले स्मार्ट सिटी के तहत फुटपाथ निर्माण हुआ है। नेशनल एयर क्लीन प्रोग्राम के तहत नए फुटपाथ के निर्माण में ध्यान रखा जाएगा कि बेस पक्का न हो और रिस कर जमीन में पानी जा सके।
महानगरों में परफोरेटेड पेवर ब्लॉक-नई तकनीक के अनुसार अब महानगरों में छिद्रित पेवर ब्लॉक लगाए जाने हैं। गिट्टी व सीमेंट से बने होते हुए परफोरेटेड पेवर ब्लॉक बने होते हैं, ताकि उनसे होकर जमीन में पानी जा सके। वहीं दूसरी तरफ स्ट्रक्चर इंजीनियर व टाउन प्लानर कहते हैं कि फुटपाथ का बेस कांक्रीटेड नहीं होना चाहिए। बेस पक्का होने के साथ ही सपाट पेवर ब्लॉक युक्त फुटपाथ का निर्माण होने पर जमीन में पानी सोखने की कोई गुंजाइश नहीं रह जाती, इतना ही नहीं पौधे लगाने के लिए भी जगह नहीं बचती है। महानगरों में परफोरेटेड पेवर ब्लॉक चलन में आ गए हैं।