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महिला पटवारी ने ली 2000 रुपये की रिश्वत, न्यायालय ने सुनाई 3 साल की सजा

कृषि भूमि का नामांतरण करने मांगी रिश्वत 

महिला पटवारी ने ली 2000 रुपये की रिश्वत, न्यायालय ने सुनाई 3 साल की सजा

विशेष न्यायालय (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) खंडवा ने भ्रष्टाचार से जुड़े एक मामले में रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ी गई एक महिला पटवारी को दोषी मानते हुए 3 वर्ष का सश्रम कारावास की सजा और 10000/- रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है।

मध्य प्रदेश लोकायुक्त पुलिस भ्रष्टाचार पर कड़ी कार्रवाई कर रही है, लोकायुक्त पुलिस के हत्थे लगातार रिश्वतखोर शासकीय सेवक पकड़े जाते हैं और फिर मजबूत केस उन्हें सलाखों के पीछे पहुंचा देता है, विशेष न्यायालय भ्रष्ट शासकीय सेवकों की दलीलों को दरकिनार कर सबूतों के आधार पर उन्हें सजा सुना रहे हैं।

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2020 में ली रिश्वत, अब 3 साल सलाखों के पीछे 

ताजा मामला खंडवा जिले का है जहाँ पांच साल पहले 2020 में रिश्वत लेते पकड़ी गई हल्का हरसूद की महिला पटवारी कंचन तिवारी को विशेष न्यायाधीश (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) खंडवा अरविंद सिंह टेकाम की अदालत ने सजा सुनाई है और जेल भेज दिया है।

कृषि भूमि का नामांतरण करने मांगी रिश्वत 

जानकारी के मुताबिक खंडवा जिले की हरसूद तहसील के ग्राम निशानियां में रहने वाले राहुल बाके ने जनवरी 2020 में लोकायुक्त पुलिस एसपी इंदौर कार्यालय में एक शिकायती आवेदन दिया था जिसमें उसने बताया कि उसकी कृषि भूमि का ऑनलाइन नामांतरण दर्ज करने के एवज में हल्का हरसूद पटवारी कंचन तिवारी द्वारा 2500 रिश्वत की मांग की गई।

2000 रुपये रिश्वत लेते पकड़ी गई थी पटवारी  

शिकायत के सत्यापन के बाद रिश्वत मांगना सही पाया गया था जिसके बाद इंदौर लोकायुक्त पुलिस की टीम ने 20 जनवरी 2020 को निरीक्षक राहुल गजभिये के नेतृत्व में ट्रैप कार्रवाई की, जिसमें आरोपी पटवारी कंचन तिवारी को फरियादी से 2000/- रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया। आरोपी पटवारी ने यह राशि स्वयं अपने हाथ में लेकर अपने बैग में रखी थी।

लोकायुक्त पुलिस ने 2023 में प्रस्तुत किया चालान   

ट्रैप की कार्यवाही के बाद लोकायुक्त पुलिस ने आरोपी महिला पटवारी कंचन तिवारी के विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं में मामला दर्ज कर विवेचना पूर्ण कर दिनांक 30 जून 2023 को विशेष न्यायालय, खंडवा में चालान प्रस्तुत किया।

भ्रष्ट महिला पटवारी को 3 साल का सश्रम कारावास 

मामले में पांच साल तक सुनवाई चली और आज 29 सितम्बर 2025 को विशेष न्यायाधीश अरविंद सिंह टेकाम ने आरोपी पटवारी कंचन तिवारी को दोषी पाते हुए 3 वर्ष का सश्रम कारावास की सजा और 10,000/- रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है, अदालत ने अर्थदंड की राशि अदा न करने की स्थिति में अतिरिक्त कारावास भुगतने का प्रावधान किया है। अभियोजन की ओर से सहायक जिला अभियोजन अधिकारी विनोद पटेल ने पैरवी की।

ऐसे होती है लोकायुक्त पुलिस कार्रवाई 

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी पर जीरो टोलरेंस की नीति अपनाने के निर्देश दिए हैं जिसके बाद से मध्य प्रदेश लोकायुक्त संगठन की सभी इकाई एक्शन मोड में है, रिश्वत मांगने की शिकायत आने पर टीम उसे  गंभीरता से अटेंड करती है, उसकी सत्यता परखकर फिर ट्रैप प्लान की जाती है उसके बाद टीम जाल बिछाकर आरोपी को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा लेता है। गिरफ़्तारी के बाद आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं में मामला दर्ज कर पुलिस प्रकरण दर्ज करती है जिसके बाद न्यायालय में चालान पेश होता है और फिर न्यायालय फैसला सुनाता है।

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