भक्तों ने दी मां भगवती को विदाई, राजधानी में हुआ मूर्तियों का विसर्जन
सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद, नगर निगम और पुलिस बल तैनात

भक्तों ने दी मां भगवती को विदाई, राजधानी में हुआ मूर्तियों का विसर्जन
– सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद, नगर निगम और पुलिस बल तैनात
– जगह जगह निकाली जा रही शोभायात्राएं

भोपाल यशभारत। राजधानी में शारदीय नवरात्र के समापन पर मां भगवती की प्रतिमाओं का विसर्जन शुक्रवार देर शाम से शुरू हो गया। शहर के विभिन्न इलाकों से विशाल शोभायात्राओं के साथ भक्तजन मां की प्रतिमाओं को लेकर घाटों की ओर रवाना हुए। श्रद्धालु ढोल-ढमाकों और जयकारों के बीच माता रानी को विदाई देते हुए नृत्य और भजन कीर्तन करते नजर आए। इस अवसर पर शहरभर में उत्सव का खास माहौल बना रहा।

सुरक्षा और यातायात व्यवस्था को किया मजबूत
प्रतिमा विसर्जन को देखते हुए पुलिस ने शहर के कई मुख्य मार्गों पर यातायात डायवर्ट किया। वीआईपी रोड, न्यू मार्केट, टीटी नगर, अशोका गार्डन, भेल क्षेत्र और कोलार रोड पर पुलिस बल की विशेष तैनाती रही। जगह-जगह बैरिकेड्स लगाकर रूट को परिवर्तित किया गया, ताकि जुलूस और सामान्य यातायात दोनों को व्यवस्थित किया जा सके। पुलिस के मुताबिक थानों के साथ ही यातायात अमला और होमगार्ड के जवान भी सहयोग में मौजूद रहे।

नगर निगम ने की तैयारियां
नगर निगम भोपाल का अमला घाटों पर सुबह से ही सक्रिय रहा। निगम ने साफ-सफाई के लिए विशेष दल बनाए थे और घाटों पर प्रकाश व्यवस्था, पीने के पानी और क्रेन की सुविधा उपलब्ध कराई गई। विसर्जन के बाद तालाबों की सफाई और मूर्तियों के अवशेष एकत्रित करने के लिए टीमों को लगाया गया।
भक्तों ने दी मां भगवती को भावुक विदाई
विसर्जन के समय श्रद्धालुओं की आंखें नम हो उठीं। माता के जयकारों के बीच भक्तों ने अगले वर्ष पुन: आने का आह्वान किया। भक्तजन मां की विदाई के साथ अपने घरों और जीवन में सुख-समृद्धि की कामना करते दिखे। राजधानी भोपाल में मां भगवती की विदाई श्रद्धा, उल्लास और अनुशासन के साथ सम्पन्न हुई। पुलिस और नगर निगम की चाक-चौबंद व्यवस्थाओं के कारण कहीं भी अव्यवस्था की स्थिति नहीं बनी।

चल समारोह में शामिल हुए श्रद्धालु
श्री हिंदू उत्सव समिति के बैनर तले शुक्रवार शाम को भव्य चल समारोह निकाला गया। इसमें 150 से ज्यादा दुर्गा प्रतिमाएं और चलित झांकियां शामिल रहीं। ढोल-ढमाकों और अखाड़ों के पहलवानों की अगवानी के बीच जुलूस का आगाज शाम 7 बजे सेंट्रल लाइब्रेरी से हुआ। चल समारोह भारत टॉकीज तिराहा, इतवारा, मंगलवारा, गल्ला मंडी, जनकपुरी, जुमेराती, पुराना पोस्ट ऑफिस, पीरगेट, मोती मस्जिद और रेतघाट होते हुए कमला पार्क पहुंचा और यहां से प्रतिमाओं को कमलापति घाट तक ले जाया गया। हजारों श्रद्धालु इस अवसर पर मौजूद रहे।
तीन दिन चलेगा विसर्जन का सिलसिला
प्रतिमाओं का विसर्जन तीन दिनों तक चलेगा। प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा को देखते हुए 11 प्रमुख घाटों पर विशेष व्यवस्थाएं की हैं। इनमें खटलापुरा, प्रेमपुरा, बैरागढ़, हथाईखेड़ा, शाहपुरा, आर्च ब्रिज, मालीखेड़ी, सीहोर नाका, अनंतपुरा, ईटखेड़ी और नरोन्हा सांकल शामिल हैं। इन घाटों पर प्रतिमाओं के सुरक्षित विसर्जन के लिए क्रेन, जेसीबी, गोताखोर और लाइफ जैकेट की व्यवस्था की गई है।
भीड़ को नियंत्रित करने के लिए लगाई बेरिकेडिंग
भीड़ नियंत्रण के लिए सभी घाटों पर बेरिकेडिंग की गई है। करीब 5 हजार अधिकारी-कर्मचारी सुरक्षा, सफाई और विसर्जन की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। नगर निगम का अमला सफाई कार्य में जुटा है, वहीं पुलिस ने मार्ग परिवर्तित कर वाहनों को डायवर्ट किया है। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि जो मार्ग डायवर्ट किए गए हैँ उनका उपयोग ना करें। निर्धारित किए गए गए मार्गोँ से ही आवागमन करें।







