मप्र में तैयार हो रहे शतरंज के स्टार खिलाड़ी: – 11 साल के माधवेंद्र ने रचा इतिहास
, दूसरी बार जीती नेशनल चैंपियनशिप

भोपाल। मध्यप्रदेश में शतरंज के उभरते हुए खिलाड़ियों की नई पौध तैयार हो रही है। इसमें 11 वर्ष के माधवेंद्र प्रताप सिंह ने हाल ही में शानदार प्रदर्शन करते हुए राष्ट्रीय चैंपियनशिप पर दूसरी बार कब्जा जमाया है। उनके अलावा खंडवा के आयुष भी राष्ट्रीय और इंटरनेशनल स्तर पर बेहतरीन प्रदर्शन कर चुके हैं। उक्त जानकारी मप्र शतरंज एडहॉक कमेटी के समन्वयक, मप्र के पहले इंटरनेशनल मास्टर और अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी अक्षत खंपारिया और मप्र के दिग्गज शतरंज खिलाड़ी शाहिद अजमत ने पत्रकाराें को दी।
खंपारिया ने बताया कि हमारी एडहॉक कमेटी ने पिछले तीन वर्षों में कड़ी मेहनत कर प्रदेश की नई प्रतिभाओं को मौका दिया है। उन्हें बेहतर अवसर उपलब्ध कराए हैं। इसी का नतीजा है कि माधवेंद्र जैसे खिलाड़ी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शन करने के लिए तैयार है। उन्होंने बताया कि हमारी एडहॉक कमेटी ही भारतीय चेस फेडरेशन से संबद्ध इकाई है। हमने पिछले तीन वर्षों में खासी उपलब्धि अर्जित की है। खंपारिया ने बताया कि आगामी योजनाएं चेस इन स्कूल, ग्रामीण क्षेत्रों में चेस को बढ़ावा देना, घर-घर शतरंज, इंटरनेशनल मास्टर्स, ग्रैंड मास्टर्स तैयार करने के लिए आवश्यक संसाधन जुटाना है।
माधवेंद्र का लक्ष्य दुनिया का सबसे यंग ग्रैंड मास्टर बनना है।
इस अवसर पर राष्ट्रीय चैंपियन माधवेंद्र ने कहा कि बचपन में मैं अपने दादा से शतरंज सिखा। अब मुझे लगता है कि मैं अपने बेहतर रेटिंग वाले खिलाड़ियों के साथ खेलूं ताकि मेरा खेल और भी बेहतर हो। इसके लिए मैं प्रयासरत हूं। यहां मेरे कोच मुझे अच्छी ट्रेनिंग दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि मेरा लक्ष्य दुिनया का सबसे यंग ग्रैंड मास्टर बनना है। इसके लिए मैं प्रयास कर रहा हूं। खेल पर ध्यान के साथ ही अधिक समय भी दे रहा हूं। माधवेंद्र अब सिंगापुर इंटरनेशनल ओपन चेस टूर्नामेंट में दिखाएंगे अपनी प्रतिभा सिंगापुर में ये प्रतियोगिता 29 नवंबर से 5 दिसंबर तक आयोजित हो राशि हैं। माधवेंद्र के पिता महेंद्र सिंह ने बताया की इस प्रतियोगिता मप्र एहडाक कमेटी इसका पूरा खर्च उठा रही हैं। इसके अलावा भी जो भी कांप आयोजित होते हैं उसमें भी सहयोग करती हैं।
मप्र में प्रतिभाएं हैं, केवल बेसिक पर ध्यान देना होगा: शाहिद
इस अवसर पर मप्र के दिग्गज खिलाड़ी शाहिद अजमत ने कहा कि ऐसा माना जाता है कि देश में तमिलनाडु के खिलाड़ी इस खेल में बेहतर है। लेकिन, मेरा मानना है कि ऐसा बिलकुल नहीं है। हमारे यहां प्रतिभा की कमी नहीं है। इसके लिए एकाग्रता और खेल पर फोकस होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि हमारे खिलाड़ियों को कुछ स्पॉन्सरशिप मिले तो वे और भी बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं।
एडहॉक कमेटी की उपलब्धियां
– 2 इंटरनेशनल ग्रैंड मास्टर चेस टूर्नामेंट
– एक राष्ट्रीय चेस चैंपियनशिप
– 3 ऑर्बिटर्स सेमीनार का आयोजन
– 20 से अधिक अंतर्राष्ट्रीय रेटिंग चेस टूर्नामेंट का आयोजन
– उच्च रैंकिंग वाले खिलाड़ियों को प्रायोजित भी किया
– एक इंटरनेशनल मास्टर, एक फिडे मास्टर, 2 केंडिडेट मास्टर
– 5 इंटरनेशनल आर्बिटर, 6 फिडे आर्बिटर और कई एसएनए आर्बिटर
– एमपी खेलो गैम्स चेस का आयोजन
– 3 ग्रैंड मास्टर नॉर्म्स हासिल किये
– 2 राष्ट्रीय खिताब भी झोली में डाले