जबलपुरमध्य प्रदेशराज्य

हाई कोर्ट ने कलेक्टर व तहसीलदार को किया तलब-आदेश के बावजूद याचिकाकर्ता के खिलाफ प्रकरण क्यों दर्ज किया गया

जबलपुर। हाई कोर्ट ने छतरपुर कलेक्टर व तहसीलदार से पूछा है कि पूर्व अंतरिम आदेश के बावजूद याचिकाकर्ता के खिलाफ प्रकरण क्यों दर्ज किया गया। इस सिलसिले में न्यायमूर्ति सुश्रुत अरविंद धर्माधिकारी की एकलपीठ ने कलेक्टर व तहसीलदार को 30 सितंबर को व्यक्तिगत रूप से हाजिर होकर स्पष्टीकरण पेश करने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने यह व्यवस्था भी दी कि आगामी सुनवाई तक तहसीलदार द्वारा 20 सितंबर को जारी आदेश के क्रियान्वयन पर रोक रहेगी।

छतरपुर निवासी अभितेन्द्र सिंह ने याचिका दायर कर बताया कि एसडीएम ने एक आदेश जारी कर उसकी पैतृक जमीन को शासकीय घोषित कर दी। हाई कोर्ट ने 15 जुलाई, 2022 को एसडीएम के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी थी। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता मणिकांत शर्मा ने बताया कि बीएल मिश्रा ने अधिकारियों को धमकाया था कि याचिकाकर्ता के पक्ष में सेल डीड नहीं करना है। उन्होंने बताया कि मिश्रा ने याचिकाकर्ता के खिलाफ अपने भतीजे के माध्यम से तहसीलदार के समक्ष शिकायत दर्ज कराई। तहसीलदार ने याचिकाकर्ता और उसके परिवार के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर लिया। इतना ही नहीं तहसीलदार ने उक्त जमीन पर किसी भी तरह के निर्माण पर रोक भी लगा दी। सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने पाया कि यह अंतरिम आदेश की अवहेलना है।

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