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RDVV के रिक्त पड़े पद और चार्जर भवन देखेगी नेक टीम

जबलपुर यश भारत। अगले सप्ताह रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय का निरीक्षण करने ने राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद की टीम आ रही है । जो विश्वविद्यालय को वहां की शैक्षणिक व्यवस्थाओं और इंफ्रास्ट्रक्चर के आधार पर ग्रेडिंग देगी। लेकिन सवाल तो यह उठता है कि कभी समूचे महाकौशल ही नहीं पूरे प्रदेश की प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्था माने जाने वाले इस विश्वविद्यालय के पास नेट टीम को दिखाने के लिए कुछ है ही नहीं, जिसे देखकर नेक की टीम इस विश्वविद्यालय को कोई ग्रेड दे सके। यहां तो बस प्रोफेसर्स के खाली पड़े पद हैं और जर्जर हो चुके भवन है। अब इस विश्वविद्यालय के औचित्य पर ही सवाल उठने लगे हैं जो एक एफिलेसन देने वाली संस्था बनकर रह गई है जहां शैक्षणिक मानकों और नवाचार को लेकर कोई बात नहीं होती।

खाली पड़े हैं पद

एक दौर था जब रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय में 150 से अधिक विद्वान प्रोफेसर हुआ करते थे। जिनकी ख्याति पूरे देश में थी और आज के समय में यहां उंगलियों पर गिने जाने लायक ही प्रोफेसर बचे हैं। खाना पूर्ति के लिए संविदा पर नियुक्त शिक्षक और अतिथि विद्वान गिने-चुने बच्चों को पढ़ा रहे हैं। एक दौर था जब यूनिवर्सिटी टीचिंग डिपार्मेंट में एडमिशन लेने के लिए देश ही नहीं विदेशों से छात्र आया करते थे और अब यहां जर्जर भवनों में इक्का दुक्का छात्र दिखाई देते हैं। ऐसे में नैक टीम के आने पर न जाने विश्वविद्यालय प्रशासन अपने किन कार्यक्रमों को बता कर ग्रेड की उम्मीद लगाए बैठा है।

सिर्फ मान्यता पर ध्यान

वर्तमान समय में रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय सिर्फ और सिर्फ एक मान्यता देने वाली संस्था बनकर रह गई है। जहां सिर्फ संबद्ध कॉलेजों को मानता और डिग्री दी जाती है। वहां शिक्षा का स्तर क्या है वहाँ कौन से कार्यक्रम संचालित हो रहे हैं इसको लेकर कभी कोई जांच नहीं होती, कभी कोई सुधार नहीं होता। जबकि विश्वविद्यालय प्रशासक से कहीं अधिक शैक्षिक संस्था है, लेकिन यहां तो दिया तले ही अंधेरा है। जब विश्वविद्यालय अपने ही यूनिवर्सिटी टीचिंग डिपार्टमेंट को नहीं संभाल पा रही है तो फिर दूसरे महाविद्यालयों पर उसकी नकेल की बात बेमानी से काम नहीं है।

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