यशभारत विशेष : साल दर साल बढ़ रही बरसी मेले की भव्यता, माधवनगर में 1960 से स्थापित है बाबा माधवशाह-बाबा नारायण शाह का दरबार, संत ईश्वरशाह के सानिध्य में हो रहे परोपकार के कार्य

कटनी, यशभारत। प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी आज 9 और कल 10 अक्टूबर को उपनगरीय क्षेत्र माधवनगर में सतगुरू बाबा ईश्वरशाह के सानिध्य में बाबा माधवशाह, बाबा नारायण बर्सी मेले का आयोजन किया गया है, जहां कटनी ही नहीं वरन पूरे देश से हजारों की तादात में श्रद्धालु पहुंचे हैं और हरे माधव दरबार में माथा टेककर आशीर्वाद प्राप्त कर रहे हैं। जानकारी के मुताबिक पाकिस्तान के लरकाना जिले की कम्बर तहसील में बाबा माधवशाह जी की गद्दी सन 1947 के पहले से स्थापित थी। 1947 में देश को स्वतंत्रता मिलने एवं बटवारा होने के बाद बाबा माधवशाह जी की गद्दी कटनी कैम्प में स्थापित की गई। यहां बाबा माधवशाह जी ने सिंध में स्थापित रहे दरबार (मंदिर) को स्थापित किया। बाबा माधवशाह जी के परम शिष्य प्रभदास जी भी उनके साथ कटनी कैम्प आए और बाबा माधवशाह जी की सेवा में तल्लीन हो गए। कटनी कैम्प में सिंध वाली गद्दी स्थापित होने के बाद बाबा माधवशाह जी ने अनेकानेक करिश्मे दिखाकर जन कल्याण एवं परमार्थ के कार्य किए। पूरे भारत और पाकिस्तान के सिंध प्रांत से हजारों की तादात में आए लोग बाबा जी के दरबार में माथा टेककर उनसे आशीर्वाद प्राप्त करने लगे। यह सिलसिला आज भी चल रहा है।
जिस समय बटवारा हुआ था, उस समय बाबा माधवशाह जी के साथ हजारों की तादात में सिंध पाकिस्तान में रहने वाले सिंधी हिन्दू भारत में आकर विभिन्न नगरों में बस गए। यही कारण है कि आज भी लाखों की तादात में बाबा माधवशाह जी के भक्त हरे माधव दरबार में आकर माथा टेकते हैं और बाबा जी के दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। बाबा माधवशाह जी के परम भक्त प्रभदास जी ने कई सालों तक निष्ठा के साथ उनकी सेवा की। 1960 में ब्रम्हलीन होने के बाद बाबा माधवशाह जी ने अपना चोला (आशीर्वाद) प्रभदास जी को दिया। 1960 में ही प्रभदास जी को इस गद्दी पर आसीन किया गया। गुरूग्रंथ साहिब जी के अनुसार गद्दीनशीं प्रभदास जी का नामकरण बाबा नारायण शाह जी के नाम पर किया गया। गद्दीनशीं होने के उपरांत बाबा नारायण शाह जी ने अपने गुरू बाबा माधवशाह जी के नाम पर 1960 में बरसी मेले की शुरूआत की, जो आज भी निरंतर जारी है। बाबा नारायण शाह जी ने माधवनगर में बाबा माधवशाह चिकित्सालय की स्थापना करवाई, जहां रोजाना सैकड़ों मरीजों का उपचार होता है। बाबा नारायण शाह जी की विशेष पहल एवं उनके सद्प्रयासों से कैम्प का नाम बाबा माधवशाह के नाम पर माधवनगर किया गया। यह बाबा माधवशाह जी के प्रताप का पुण्य फल था कि कटनी-जबलपुर रेलमार्ग पर माधवनगर रोड रेलवे स्टेशन की स्थापना की गई, जहां से प्रतिदिन कई पैसेंजर टे्रनों के माध्यम से लोग अपनी यात्रा का शुभारंभ करते हैं। बाबा नारायण शाह जी द्वारा बाबा माधवशाह उद्यान, माधवनगर की तरफ आने वाले मार्ग पर माधवनगर गेट की स्थापना 1981 में करवाई गई। 10 अक्टूबर 1985 को बाबा नारायण शाह जी के ब्रम्हलीन होने के बाद बाबा गोविन्द शाह जी को गद्दीनशीं किया गया। उन्होंने भी इस परंपरा को आगे बढ़ाया और विश्राम बाबा मार्ग पर बाबा नारायण जी के नाम पर गेट का निर्माण करवाया। उनके ब्रम्हलीन होने के बाद 24 नवंबर 1992 को बाबा मनोहर शाह जी को गद्दीनशीं किया गया। 28 जुलाई 2002 को बाबा मनोहरशाह जी के ब्रम्हलीन होने के उपरांत बाबा ईश्वरशाह जी को गद्दीनशीं किया गया।
जन कल्याण और परमार्थ की दिशा में किए कार्य
बाबा ईश्वरशाह जी ने गद्दीनशीं होने के बाद जन कल्याण और परमार्थ की दिशा में कदम बढ़ाते हुए हरे माधव परमार्थ सत्संग समिति का गठन किया और कटनी के साथ ही देश और विदेशों में इसकी शाखाएं बनाई। वर्तमान में लगभग 150 से ज्यादा शाखाएं सामाजिक कार्यों में जुटी हुई हैं। इसके साथ ही बाबा ईश्वरशाह जी ने हरे माधव रूहाणी बाल संस्कार केन्द्र की शुरूआत की, जहां बच्चों को आध्यात्मिक एवं नैतिक शिक्षा प्रदान करते हुए संस्कारवान बनाया जा रहा है। बाबा ईश्वरशाह जी द्वारा लिखे गए ग्रंथों का देश के विभिन्न नगरों में समितियों द्वारा वाचन किया जाता है। बाबा जी के आशीर्वाद से समितियों द्वारा प्रतिवर्ष धार्मिक एवं सामाजिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है, जिसमे लाखों श्रद्धालु एकत्रित होकर हरे माधव सत्संग में शामिल होकर आध्यात्मिक पुण्यलाभ अर्जित कर रहे हैं। हरे माधव परमार्थ सत्संग समिति द्वारा हर माह लगभग 200 निराश्रित परिवारों के लोगों को बाबा माधवशाह धर्मशाला में नि:शुल्क राशन का वितरण किया जाता है, जिससे उनका जीविकोपार्जन हो सके। इसके अलावा जरूरतमंद लोगों को नि:शुल्क दवाईयों के साथ ही बच्चों को पढ़ाई के लिए पाठ्यसामग्री का विरतण किया जाता है। गरीब कन्याओं के विवाह में भी समिति द्वारा एक निर्धारित राशि प्रदान की जाती है। इसी के साथ गरीब वर्ग के व्यक्तियों के आकस्मिक निधन पर अंतिम संस्कार के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है।
बाबा ईश्वरशाह जी के सानिध्य में हरे माधव के एक नए युग की शुरूआत
बाबा ईश्वरशाह जी के सानिध्य में हरे माधव के एक नए युग की शुरूआत हुई है। उनके मार्गदर्शन में प्रति वर्ष बरसी मेले का आयोजन हर साल 9 एवं 10 अक्टूबर को किया जाता है, साल दर साल इसकी भव्यता बढ़ती जा रही है। इस आयोजन में देश के कोने-कोने एवं विदेशों से भी लाखों श्रद्धालु कटनी आकर हरे माधव दरबार में माथा टेकर बाबा जी से आशीर्वाद प्राप्त कर रहे हैं। आज बरसी मेला पूरे देश में एक धर्मस्थल का रूप ले चुका है, जहां लाखों श्रद्धालु अपनी मुराद लेकर आते हैं और उनकी मुराद पूरी होती है। प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी आज 9 एवं कल 10 अक्टूबर को बाबा माधवशाह, बाबा नारायण शाह बरसी मेले का आयोजन किया गया है, जिसमे देश के कोने-कोने से बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचकर पुण्यलाभ अर्जित कर रहे हैं।









