जबलपुर का कोसमघाट गांव को भूलता ही नहीं, ईश्वर ऐसा मंजर कभी न दिखाए- केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल
केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल भूकंप के 25 वर्ष पूरे होने पर पहुंचे, यशभारत के संस्थापक, पत्रकार आशीष शुक्ला का किया सम्मान
जबलपुर, यशभारत। 1997 में आए भूकंप के रविवार को 25 वर्षं हो गए 22 मई 1997 को जबलपुर में रात 4:00 बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए थे जिसका केंद्र गौर के पास कोसमघाट था जहां सबसे ज्यादा नुकसान हुआ था पूरे गांव में एक भी मकान नहीं शेष नहीं था जो भूकंप की मार से बच पाया हो पूरा का पूरा गांव खंडहर में तब्दील हो गया था। भूकंप की 25वीं बरसी पर तत्कालीन सांसद पहलाद पटेल कोसमघाट पहुंचे और पुरानी यादें ताजा की। 25 वर्षं बीत जाने के बाद अब तो पूरा गांव बदल गया है लेकिन 1997 में यह गांव पूरी तरह से खंडहर में तब्दील हो गया था जिसकी बानगी इस मकान को देखकर समझी जा सकती है जो भूकंप के दौरान धारा साई हो गया था और आज भी ऐसी ही स्थिति में पड़ा हुआ है। कोसमघाट गांव को कभी भूल नहीं सकता हूं, ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि दोबारा ऐसा मंजर न दिखाए।
सांसद रहते हुए प्रहलाद पटेल खुद गांव पहुंचे और मदद की
कोसमघाट पहुंचे केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल ने बताया कि गांव को फिर से बसाने और लोगों को भोजन आदि की सुविधा देने के लिए बहुत सारे लोगों ने मदद की थी जिस कारण ग्रामीणों को भोजन और आवास की व्यवस्था हो सकी थी । जानकारी के मुताबिक भूकंप के समय यह क्षेत्र सिवनी लोकसभा क्षेत्र अंतर्गत आता था जहां से प्रहलाद पटेल सांसद थे भूकंप के बाद वे वहां पहुंचे और उन्होंने ग्रामीणों और सामाजिक संगठनों की मदद से गांव को फिर से बसाया।
यशभारत के संस्थापक आशीष शुक्ला का सम्मान
कोसमघाट गांव में रविवार को आयोजित कार्यक्रम के दौरान यशभारत के संस्थापक, पत्रकार आशीष शुक्ला का सम्मान केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल के द्वारा किया गया क्योंकि जब भूकंप आया था उस समय आशीष शुक्ला ने पत्रकारिता के माध्यम से निर्भीक और सजग रिपोर्टिंग की थी जिसके चलते आपदा की विभीषिका की जानकारी आम लोगों तक पहुंची थी जिसके बाद बहुत सारे हाथ मदद के लिए आगे बढ़े थे ।